30 सालों तक जबरन भेड़ चरवाई…जैसलमेर से ऐसे लौटा 30 साल पहले गायब हुआ गाजियाबाद का राजू, मां ने यूं पहचाना

मयंक गौड़

28 Nov 2024 (अपडेटेड: 28 Nov 2024, 03:56 PM)

UP News: गाजियाबाद का राजू 30 साल पहले अचानक गायब हो गया. पुलिस और परिवार ने उसे खूब खोजा. मगर वह नहीं मिला. अब 30 साल बाद राजू अपने परिवार को खोजता हुआ अपने घर पहुंचा है. इन 30 सालों में राजू के साथ क्या-क्या हुआ और उसने क्या किया? वह काफी चौंकाने वाला है.

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UP News: आज से 30 साल पहले गाजियाबाद में एक 12 साल का बच्चा स्कूल गया. मगर लौट कर वापस नहीं आया. परिवार और पुलिस ने भी उसे खोजा. मगर उसका कुछ पता नहीं चला. 30 सालों का लंबा समय निकल गया. मगर एक दिन अचानक वह वापस गाजियाबाद आ गया और अपने परिवार से मिला. आखिर 30 सालों तक वह कहां रहा और उसके साथ क्या हुआ? गाजियाबाद के राजू की ये सच्ची कहानी हैरान कर देने वाली है.

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30 सालों बाद वापस आया राजू

आज से 30 साल पहले एक दिन राजू अपनी बहन के साथ पढ़ने के लिए स्कूल गया. मगर वापस आते समय वह गायब हो गया. राजू परिवार का अकेला बेटा था. ऐसे में परिवार ने उसे बहुत खोजा. पुलिस की भी मदद ली. मगर राजू का कुछ पता नहीं चला. परिवार ने भी थक हार कर सब्र कर लिया और सब किस्मत पर छोड़ दिया. मगर बेटे के गायब होने से पिता बीमार रहने लगे. ऐसे ही 30 बरस बीत गए. मगर एक दिन परिवार के पास पुलिस का फोन आया कि उनका 30 साल पहले गायब हुआ बेटा मिल गया है. ये सुन पूरा परिवार हैरान रह गया.

क्या हुआ था उसके साथ?

दरअसल 30 साल पहले जिन दिन राजू गायब हुआ था, उस दिन उसकी अपनी बहन से लड़ाई हो गई थी. वह अपनी बहन से अलग हो गया और सड़क किनारे बैठ गया. उसकी बहन ने उसकी तरफ देखा नहीं और वह काफी आगे निकल गई. इसी दौरान टेंपो में कुछ लोग आए और वह उसे उठा कर ले गए. 

राजू को गाजियाबाद से राजस्थान के जैसलमेर ले जाया गया. वहां उसे जबरन बरकी और भेड़ चराने के काम में लगा दिया गया. यहां जीने के लिए ही खाना मिलता और बांध कर रखा जाता. राजू की जिंदगी के 30 साल वही निकल गए और वह बकरी और भेड़ ही चराता रहा. मगर उसे हमेशा ये याद रहा कि उसका परिवार उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रहता है.

बकरियां खरीदने वालों की मदद से वहां से निकल गया

पिछले दिनों जैसलमेर में जहां राजू जबरन काम करता था, वहां कुछ लोग बकरियां खरीदने के लिए आए थे. राजू ने उन लोगों से मदद मांगी और उन्होंने भी उसे वहां से भागने में मदद की. वह उनके टेंपों में छिपकर वहां से निकल आया. वह लोग पहले उसे दिल्ली लेकर आए और फिर उन्हीं लोगों ने उसे गाजियाबाद की ट्रेन में बैठा दिया. मगर अब राजू के लिए गाजियाबाद में सब बदल गया था. 

यहां राजू ने आते ही गाजियाबाद पुलिस की मदद ली और पुलिस को अपनी पूरी कहानी बताई. उसकी कहानी सुन पुलिस भी हैरान रह गई. ऐसे में गाजियाबाद पुलिस ने भी उसके परिवार को खोजने में उसकी मदद की. गाजियाबाद की खेड़ा पुलिस उसके परिवार की खोज में जुट गई. दूसरी तरफ पुलिस ने सोशल मीडिया पर भी राजू की कहानी शेयर की और लोगों से मदद की अपील की.

30 साल पहले की फाइल में मिल गया परिवार का पता

इसी बीच पुलिस ने 30 साल पहले गायब हुए केसों को खंगालना शुरू कर दिया. तब पुलिस को पता चला कि 30 साल पहले थाना साहिबाबाद में 12 साल का बच्चा गायब हुआ था. पुलिस ने परिवार का पता किया और उन्हें सूचना दी. ये खबर जान परिवार भी हैरान रह गया.

मां ने बेटे को ऐसे पहचाना

राजू की मां ने राजू को फौरन पहचान लिया. दरअसल राजू के दिल के पास तिल था और सिर में गड्डा था. ऐसे में चिन्ह के हिसाब से भी राजू की पहचान हो गई. इस दौरान पुलिस ने पिता को भी थाने बुलाया और उनसे भी बेटे की पहचान करवाई. पिता ने भी राजू को फौरन पहचान लिया और गले लगा लिया. राजू ने भी अपने माता-पिता को देखते ही पहचान लिया.

बता दें कि राजू के पिता बिजली विभाग में काम करते थे और कुछ समय पहले ही रिटायर हुए हैं. राजू की 3 बहने हैं और तीनों की शादी हो चुकी है. परिवार अपने बेटे को 30 साल बाद पाकर बेहद खुश हैं और राजू भी अपने परिवार के पास आकर काफी खुश हैं.

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