Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने गाजियाबाद के जिला संयुक्त अस्पताल में तैनात वार्ड बॉय को बर्खास्त करने के निर्देश जारी किए हैं. यहां भर्ती एक मरीज के इलाज के लिए उनके द्वारा दिए गए दिशा निर्देशो की अवहेलना और काम मे लापरवाही बरतने पर यह कार्रवाई की गई है. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट कर ये जानकारी साझा की है.
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क्या है मामला?
दरअसल डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक 10 नवंबर को गाजियाबाद के जिला सयुंक्त अस्पताल के दौरे पर थे. उसी समय शास्त्री नगर रहने वाले पवन जोकि सिलेंडर में आग लगने से जल गए थे, वह पट्टी कराने के लिए अस्पताल आए हुए थे. इस दौरान ब्रजेश पाठक ने उनसे हालचाल पूछा और चिकित्सकों को उनके बेहतर इलाज के निर्देश दिए थे.
मिली जानकारी के अनुसार, गाजियाबाद के शास्त्री नगर इलाके में बाग वाली कॉलोनी के रहने वाले पवन तोमर गैस सिलेंडर में अचानक लगी आग की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गए थे. पीड़ित पवन को गाजियाबाद में कोई बर्न यूनिट न होने के कारण ईलाज के लिए लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल दिल्ली में भर्ती करना पड़ा. वहां उनके स्वास्थ्य में कुछ सुधार होने पर उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था और उन्हें इलाज के लिए पट्टी कराने के लिए उनके घर के नजदीकी अस्पताल में जाने की सलाह दी गई.
इसके बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक द्वारा किए गए औचक निरीक्षण के दिन गाजियाबाद के शास्त्री नगर में रहने वाले पवन, जब संयुक्त जिला अस्पताल में पट्टी के लिए पहुंचे तब वहां तैनात स्टाफ ने उनसे पट्टी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली टयूब अपने साथ में लाने के लिए कहा. डिप्टी सीएम ने अपने निरीक्षण के दौरान उनसे मुलाकात की थी और यहां तैनात डॉक्टर और स्टाफ को उनके बेहतर इलाज करने के लिए दिशा निर्देश भी दिए थे.
मगर दूसरी बार में जब बर्न के मरीज पवन पट्टी कराने के लिए जिला सयुंक्त अस्पताल पहुंचे तो अपने साथ पट्टी में इस्तेमाल होने वाली दवाई का ट्यूब साथ में नहीं ले गए. आरोप है कि तब डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल से बिना पट्टी किए ही वापिस लौटा दिया. साथ ही घर पर ही देसी घी और हल्दी लगाने की सलाह दे डाली.
मामले की शिकायत मिलने पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इसका संज्ञान लिया और तत्काल प्रभाव से डॉक्टर के खिलाफ जांच और वॉर्ड बॉय को बर्खास्त करने के निर्देश जारी कर दिए. इसकी जानकारी ट्वीट के माध्यम से भी उनके द्वारा साझा की.
हालांकि, इस पूरी कार्रवाई पर सवाल भी खड़े हो गए, क्योंकि निलंबन की कार्रवाई सिर्फ वॉर्ड बॉय के खिलाफ की गई, जबकि इलाज में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए. फिलहाल झुलसे हुए मरीज पवन का इलाज गाजियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल में चल रहा है.
इस मामले में पीड़ित मरीज पवन ने बताया की 4 दिन पहले जिला एमएमजी अस्पताल के सीएमएस ने उनसे संपर्क किया और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां अब उनका सही इलाज हो रहा है. उनका कहना है कि कोई मरीज सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए तभी पहुंचता है, जब वो बाहर इलाज कराने में सक्षम नहीं होता है. ऐसे में मरीजो से पट्टी के लिए दवाइयां बाहर से मंगाना गलत है.
हालांकि, डिप्टी सीएम द्वारा की गई कार्रवाई पर उन्होंने कहा कि वो किसी कर्मचारी पर कार्रवाई नहीं चाहते थे. वो सिर्फ यही चाहते हैं कि सरकारी अस्पताल में पहुचने वाले मरीजो को सही इलाज मिल जाए.
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