उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से एक हैरतअंगेज मामला सामना आया है. बता दें कि जिले में एक प्राइवेट डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन करके अधेड़ व्यक्ति की आंत में फंसा स्टील के ग्लास को निकाले जाना चर्चा का विषय बना हुआ है. जितनी चर्चा ऑपरेशन करके ग्लास निकालने की हो रही है, उससे अधिक चर्चा यह हो रही है कि आखिर इतना बड़ा ग्लास आंत में पहुंचा कैसे? हालांकि पीड़ित व्यक्ति पहले तो असलियत छिपाता रहा, लेकिन बाद में आंत में ग्लास पहुंचने की जो कहानी उसने बताई उसे सुनकर आपकी पैरों तले जमीन खिसक जाएगी!
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क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यह मामला जौनपुर जिले के भटौली गांव का है. यहां के रहने वाले समरजीत (उम्र 50 वर्ष) को तीन-चार दिन से पेट में बहुत दर्द था. समरजीत कई अस्पतालों में गया, लेकिन वहां पर कोई राहत नहीं मिलने के बाद वाजिदपुर स्थित सिद्धार्थ हॉस्पिटल में आकर उसने डॉक्टर लाल बहादुर सिद्धार्थ को अपने पेट के दर्द के विषय में बताया.
रिपोर्ट्स के अनुसार, डॉक्टर सिद्धार्थ में मरीज का एक्स-रे कराया और देखा कि आंत में मेटल टाइप का कुछ दिख रहा है. फिर डॉक्टर सिद्धार्थ ने उसका ऑपरेशन किया, तब पता चला कि समरजीत के पेट में एक मोटा ग्लास है. ऐसी खबर है कि लगभग दो घंटे तक चले इस ऑपरेशन के बाद स्टील के ग्लास को निकाला गया, जिसका साइज 2.5 × 4.5 इंच का था.
समरजीत के पेट में ग्लास आखिर पहुंचा कैसे?
पीड़ित समरजीत ने आरोप लगाते हुए बताया कि 4 दिन पहले शराब के नशे में कुछ विरोधी लोगों ने उसके गुदा (मलद्वार) के रास्ते ग्लास डाल दिया था. पीड़ित के अनुसार, पहले तो लोक लाज के डर से उसने इस मामले को दबाए रखा और पुलिस को भी नहीं बताया, लेकिन ऑपरेशन के बाद जब मामला सोशल मीडिया में आया तो उसे सच्चाई बतानी पड़ी. समरजीत ने अब मामले में पुलिस से शिकायत की बात की है.
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