बांदा: ‘रिश्वत से होता है इलाज, गरीब की चली जाती है जान’ बच्चे की मौत पर पिता का छलका दर्द

Banda News: यूपी के बांदा में एक बार फिर मेडिकल स्टाफ की कथित लापरवाही से एक नवजात की मौत हो गई, जिससे परिवार में कोहराम…

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Banda News: यूपी के बांदा में एक बार फिर मेडिकल स्टाफ की कथित लापरवाही से एक नवजात की मौत हो गई, जिससे परिवार में कोहराम मच गया. परिजनों का आरोप है कि मेडिकल स्टाफ ने पैसों की डिमांड की और न देने पर बच्चे की हालत गंभीर बताकर रेफर का पर्चा थमा दिया, जिससे नवजात की मौत हो गई. आरोप यह भी है कि मेडिकल स्टाफ ने तानाशाही दिखाते हुए देर रात बच्चे को न ले जाने पर पुलिस भी बुला ली, इधर बच्चे के परिजन इलाज के लिए गिड़गिड़ाते रहे. मृतक बच्चे के पिता ने कहा कि ‘साहब! मैं गरीब न होता तो मेरे बच्चे की जान बच जाती.’ फिलहाल पूरे मामले को संज्ञान में लेकर CMS ने जांच के आदेश दिए हैं. यह मामला जिला महिला अस्पताल कैम्पस का है.

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जानिए मृतक के पिता ने क्या बताया?

नरैनी थाना क्षेत्र के करतल इलाके के रहने वाले बृजेश कुमार ने बताया,

“कल CHC नरैनी में मेरी पत्नी की नॉर्मल डिलिवरी हुई थी, बच्चे को हिचकी टाइप से आ रही थी, जिस वजह से ANM ने जिला अस्पताल भेजा था कहा था कि वहां अच्छे डॉक्टर और मशीनें हैं दिखवा लाओ, हम जिला महिला अस्पताल आए, यहां डॉक्टरों ने चेकअप किया, बच्चा रो रहा था, डॉक्टरों ने कहा ठीक हो जाएगा, परेशानी की कोई बात नही है. इतने में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ ने कहा कि लड़का हुआ है, खुशहाली का काम है, हम पूरा सहयोग करेंगे लेकिन कुछ खर्चा पानी करो और 1500 रुपये की डिमांड की गई, तो मैने कहा साहब! मैं गरीब आदमी हूँ मैं आपकी सेवा नही कर सकता.”

बृजेश कुमार

उन्होंने आगे बताया, “तो डॉक्टर ने कहा गरीब हम लोग हैं, दीवाली के त्योहार में घर नहीं गए, यहां अस्पताल में बैठे हैं…इतने में हमको बाहर भगा दिया. 15 मिनट बाद बुलाया और कहा कि तुम्हारा बच्चा बहुत गंभीर है, प्रयागराज मेडिकल के लिए रेफर कर रहे हैं, वहां इलाज किया जाएगा.

बृजेश कुमार के मुताबिक, “रात 12 बजने पर मैंने कहा कि कहां जाएंगे अब बच्चे को लेकर, इतने में डॉक्टर ने बोला कि तुम बहुत नेता बन रहे हो…रुको अभी पुलिस को बुलवा रही हूं और बाहर भगा दिया लेकिन फिर भी मैं बच्चे के इलाज के लिए गिड़गिड़ाते रहा. इतने में बच्चे की मौत हो गई. हम अस्पताल में साढ़े 7 बजे भर्ती हुए थे, हमसे 1500 रुपये की मांग की गई थी और देर रात अचानक बच्चे को मृत घोषित कर दिया. हम जब लाए थे तो बच्चा नॉर्मल था, ऑक्सीजन भी ठीक थी, मेडिकल स्टाफ ने लापरवाही की है, पैसे दे देता और मैं गरीब न होता तो मेरे बच्चे की जान बच सकती थी.”

जिला महिला अस्पताल की CMS ने कहा डॉक्टर सुनीता सिंह, “देखिए ये मामला संज्ञान में आया है, मैं खुद देर रात अस्पताल गई थी, लेकिन जांच में मुझे कुछ ऐसा नही लगा मैं फिर भी जांच करा रही हूं, जो भी दोषी होगा डॉक्टर या स्टाफ उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.” 

पैसे मांगने के आरोप के सवाल पर CMS ने कहा, “पैसे मांगने की कोई बात नहीं है, उन्हें हायर सेंटर ले जाने की बात कही गई थी, लेकिन उन्होंने कहा था कि हम यही इलाज कराएंगे, डॉक्टर ने पूरा प्रयास किया लेकिन बच्चे की मौत हो गई. मौत के बाद उन्होंने आरोप लगाया उसकी जांच की जा रही है, कार्रवाई निश्चित तौर पर की जाएगी.”

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