UP News: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां पुलिस की पिटाई में हुई दलित किशोर की मौत ने हड़कंप मचा दिया है. आरोप है कि 3 पुलिसकर्मियों ने दलित किशोर के साथ थाने में कई दिनों तक मारपीट की. इसके बाद जब पीड़ित घर पहुंचा तब उसकी तबियत खराब हो गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
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जानिए ये पूरा मामला
मिली जानकारी के मुताबिक, ये पूरा मामला फरधान थाना क्षेत्र के सिसावां कलां गांव से सामने आया है. यहां एक दुकान से कुछ सामान चोरी हो गया था. दुकान मालिक ने गांव के ही रहने वाले नाबालिक दलित युवा और उसके 2 साथियों पर चोरी का आरोप लगाया था. पुलिस ने इस मामले में दलित किशोर समेत उसके दोनों साथियों को पकड़ लिया था.
आरोप है कि पुलिस ने दलित किशोर के दोनों साथियों को तो छोड़ दिया. मगर दलित किशोर को नहीं छोड़ा. आरोप ये भी है कि पुलिस ने थाने के अंदर उसके साथ 5 दिन तक मारपीट की. फिर उसे छोड़ दिया. घर पहुंचते ही उसकी तबियत बिगड़ गई. उसे जिला अस्पताल से डॉक्टर ने इलाज के लिए लखनऊ रेफर कर दिया. यहां उसकी मौत हो गई.
परिजनों ने किया विरोध प्रदर्शन
बता दें कि पीड़ित परिजनों ने फरधान थाने के सामने बैठकर विरोध प्रदर्शन किया है. परिवार ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. दलित किशोर की पुलिस पिटाई से हुई मौत के मामले में समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक रामशरण, विनय तिवारी, जिला अध्यक्ष रामपाल यादव सहित कई समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भी फरधान थाने के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली से असम को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया है.
पुलिस ने ये बताया
इस पूरे मामले पर लखीमपुर खीरी जिले के एसपी गणेश प्रसाद शाह ने बताया, मामले की पूरी गंभीरता के साथ जांच करवाई जा रही है. फिलहाल पोस्टमॉर्टम करवाया जा रहा है. जांच में जो भी सामने आएगा, उसी हिसाब से कार्रवाई की जाएगी. परिजनों से भी बात की जा रही है.
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