Hamirpur News: योगी आदित्यनाथ सरकार उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को बदलने की हर कोशिश कर रही है लेकिन फिर भी यूपी के सरकारी अस्पतलों के हाल में कोई खासा फर्क नहीं आया है. इसका ताजा उदाहरण हमीरपुर के जिला अस्पताल में देखा जा सकता है. जानकारी के लिए बता दें कि हमीरपुर के जिला अस्पताल में 25 डॉक्टरों की जगह सिर्फ 8 डॉक्टर ही तैनात हैं.
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आपको बता दें कि 100 बेड की जगह इस अस्पताल में हर रोज करीब 700 मरीज इलाज के लिए आते हैं. हैरानी की बात यह है कि अस्पताल में सर्जन, रेडियोलॉजिस्ट, अर्थो पेडिक्स सर्जन, बाल रोग विशेषज्ञ, कार्डियों लॉजिस्त, चेस्ट फिजिशियन और इनेथेस्सिट जैसे महत्वपुर्ण विभागों के डॉक्टर्स ही नहीं हैं.
मरीजों को जाना पड़ता है प्राइवेट अस्पताल
आपको बता दें कि, कई महत्वपूर्ण विभागों में डॉक्टर्स ने होने के कारण मरीजों को इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल में जाना पड़ता है. गंभीर समस्या होने पर मरीजों को कानपुर तक जाना पड़ जाता है. हाल यह हैं कि ओपीडी वार्ड सहित कई विभागों में, “यह डॉक्टर जिला अस्पताल में नहीं हैं’ के पोस्टर लगे हुए हैं.
शासन ने दिया था रिटायर्ड डॉक्टरों की भर्ती का विज्ञापन
शासन की तरफ से रिटायर्ड डॉक्टरों की भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था लेकिन किसी भी डॉक्टर ने अप्लाई ही नहीं किया. सीएमएस डॉक्टर के.के गुप्ता ने बताया कि, इस जिला अस्पताल में पिछले 3 सालों में कोई भी डॉक्टर रिटायर नहीं हुआ है इसलिए किसी भी डॉक्टर ने आवेदन नहीं किया है. डॉक्टर की कमी के लिए कई बार अधिकारियों को लिखा गया है पर अभी तक किसी डॉक्टर की तैनाती नहीं की गई है. इसलिए जिला अस्पताल में तैनात 8 डॉक्टरों से ही अस्पताल का काम चल रहा है.
जिला अस्पताल में इलाज करवाने आए मरीजों का कहना है कि, इस जिला अस्पताल में डॉक्टर ना होने की वजह से उन्हें इलाज के लिय कानपुर जाना पड़ता है या प्राइवेट अस्पताल में जाना पड़ता है. प्राइवेट अस्पताल में इलाज में काफी खर्चा आता है.
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