प्रयागराज में अखिलेश यादव के आने से पहले पुलिस कर रही बैरिकेटिंग? छात्र के दावे ने मचाई हलचल

यूपी तक

14 Nov 2024 (अपडेटेड: 14 Nov 2024, 10:42 AM)

RO/ARO News: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के 'पीसीएस-प्री' और 'आरओ-एआरओ' की परीक्षा दो दिन में संपन्न कराने के निर्णय के विरोध में छात्र प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के बाहर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच धरना दे रहे एक छात्र ने अखिलेश यादव को लेकर बड़ा बयान दिया है. 

Akhilesh Yadav News

Akhilesh Yadav News

follow google news

RO/ARO News: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के 'पीसीएस-प्री' और 'आरओ-एआरओ' की परीक्षा दो दिन में संपन्न कराने के निर्णय के विरोध में छात्र प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के बाहर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. गुरुवार सुबह से पुलिस बैरिकेटिंग लगाकार धरनास्थल पर पहुंच रहे छात्रों को रोकने की कोशिश कर ही है. साथ ही पुलिस ने धरनास्थल पर बैठे छात्रों को जबरन उठाने की कोशिश की है. इस बीच धरना दे रहे एक छात्र ने सपा चीफ अखिलेश यादव को लेकर बड़ा बयान दिया है. 

यह भी पढ़ें...

न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में बुधवार रात श्रीकांत यादव नामक छात्र ने कहा, "यहां किलाबंदी का मकसद यह है कि और छात्र न जमा हों. यहां कल (गुरुवार) अखिलेश यादव जी आने वाले हैं, तो इसके देखते हुए ये लोग देख रहे हैं कि और लोग न जमा हों." आपको बता दें कि अखिलेश यादव प्रयागराज जाएंगे या नहीं, इसको लेकर अभी कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है. 

 

 

छात्रों ने लगाए भारत माता की जय के नारे

आपको बता दें कि गुरुवार को छात्रों ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाए और अपनी मांगों को लेकर आक्रोश व्यक्त किया. पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बावजूद, छात्रों का प्रदर्शन जारी है और वे अपनी मांग पूरी होने तक पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.  

नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का विरोध

छात्रों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया उनके लिए अनुचित है और इससे उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन नहीं हो पा रहा है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि परीक्षा प्रणाली में किए गए बदलावों के कारण उनकी रैंकिंग और चयन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. उनका मानना है कि सभी अभ्यर्थियों के लिए एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए ताकि पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे. प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि आयोग 7 और 8 दिसंबर को आरो-एआरओ की 411 पदों पर परीक्षा 41 जिलों में आयोजित कर रहा है, जबकि इसे सभी 75 जिलों में एक ही दिन एक शिफ्ट में आयोजित किया जाना चाहिए.    

 

 

इस परीक्षा में करीब 10 लाख छात्रों की बैठने की संभावना है और उनका कहना है कि इससे परीक्षा को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जा सकता है और नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी. छात्रों की मांग है कि एक बार जब भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाती है, तो परीक्षा के नियमों में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी परीक्षा के नियमों में बदलाव केवल प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही किया जा सकता है.
 

    follow whatsapp