Prayagraj Student Protest News : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अपनी मांगों को लेकर लगातार पांच दिनों से प्रदर्शन कर रहे छात्रों के एक ग्रुप ने शुक्रवार को धरना समाप्त कर दिया है. प्रयागराज में लोक सेवा आयोग के कार्यालय के बाहर धरना दे रहे काफी छात्रों ने फिलहाल प्रदर्शन स्थल को खाली कर दिया है. जानकारी के मुताबिक RO/ARO मामले पर समिति की रिपोर्ट आने के बाद छात्र आगे की रणनीति पर फैसला लेंगे.
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बता दें कि प्रयागराज मे लोकसेवा आयोग के सामने छात्रों का एक गुट अभी भी प्रदर्शन कर रहे हैं. पीसीएस समूह छात्र ने धरना खत्म किया है. जबकि RO/ARO छात्रों के समूह ने धरना जारी रखा है. गौरतलब है कि पीसीएस एग्जाम की तारीख आज आयोग ने घोषित कर दी है. पीसीएस एग्जाम अब 22 दिसंबर को एक ही दिन में होगी.
प्रदर्शन खत्म करने का एलान
प्रदर्शन समाप्त करने को लेकर छात्र संघर्ष समिति के संयोजक पंकज कुमार पांडे ने बताया कि, 'हमने अपने प्रदर्शन और धरना को फिलहाल समाप्त कर दिया है. कल आयोग ने परीक्षा को लेकर जो नोटिस निकाला है, उसके बाद छात्र प्रदर्शन समाप्त करने की बात पर सहमत हो गए हैं. RO/ARO के परीक्षा के मामले में आयोग ने एक कमेटी बनाई है, अब वो कमेटी जो फैसला देती है उसके बाद आगे की रुप रेखा तय होगी. फिलहाल छात्र प्रदर्शन खत्म करने के लिए तैयार हो गए हैं और हम धरना स्थल को खाली कर रहे हैं.'
आयोग ने मानी छात्रों की ये मांग
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने आंदोलित छात्रों की मांगों को मानते हुए गुरुवार को पीसीएस परीक्षा दो दिन में कराए जाने का अपना फैसला वापस ले लिया था. पहले पीसीएस परीक्षा 22-23 दिसंबर को होनी थी, लेकिन अब यह एक ही दिन 22 दिसंबर को होगी. बता दें कि इससे पहले गुरुवार को आयोग ने पीसीएस-प्री परीक्षा एक दिन में करवाने और नॉर्मलाइजेशन लागू न करने की मांग मान ली थी. हालांकि आरओ-एआरओ परीक्षा के लिए ऐसी घोषणा नहीं की गई थी. पहले पीसीएस परीक्षा 22-23 दिसंबर को होनी थी, लेकिन अब यह एक ही दिन 22 दिसंबर को होगी.
बता दें कि प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के मुख्यालय के बाहर पिछले पांच दिनों से आरओ एआरओ परीक्षा के मुद्दे को लेकर छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे थे. हालांकि अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है.आंदोलनकारी छात्रों की मांग है कि आरओ एआरओ परीक्षाएं एक ही दिन में कराई जाएं, जिससे उन्हें किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े. इसके अलावा, छात्र नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया का भी कड़ा विरोध कर रहे हैं.
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