उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है. यहां एक लाचार पिता अपने बेटे का शव कंधे पर लादकर 25 किलोमीटर तक पैदल चलने को मजबूर नजर आया.
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अस्पताल प्रशासन की मानवता किस कदर खत्म हो चुकी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अपने 10 साल के बेटे के शव को कंधे पर लादे लाचार पिता को 25 किलोमीटर तक का सफर करना पड़ता है और इस दौरान राहगीर तमाशबीन बने रहे. शर्मसार कर देने वाली इस तस्वीर ने सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था की भी पोल खोल दी है.
दरअसल, मामला संगम नगरी के एसआरएन अस्पताल का है, जहां मंगलवार को एक लाचार पिता अपने बेटे का इलाज कराने के लिए पहुंचा था. मगर इलाज के दौरान ही बच्चे की मौत हो गई. लाख मिन्नतें करने के बाद भी जब अस्पताल प्रशासन की ओर से एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं कराई गई, तो गरीब और लाचार पिता के पास अपने बेटे के शव को कंधे पर लादने के अलावा कोई और विकल्प नहीं नजर आया.
बेटे की मौत के बाद पैसे के अभाव में लाचार पिता अपने बेटे के शव को कंधे पर लादकर घर के लिए निकल गया. हैरानी की यह बात है कि लाचार पिता एसआरएन अस्पताल से करछना थाना क्षेत्र के डीहा गांव तक बेटे के शव को कंधे पर ही लेकर गया और इस दौरान उसने 25 किलोमीटर का सफर तय किया. इस दौरान कंधे पर बच्चे की लाश लेकर जाते पिता का कुछ लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जो वायरल हो गया.
वहीं इसकी जानकारी मिलने के बाद कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की बात कही है और इसमें दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों पर दंडात्मक कार्रवाई करने की बात कही है.
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