Bahraich News: सरकारी बजट से बहराइच में शहर के पानी निकास के लिए बनाए जा रहे नाले के निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग कर भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है. 48 लाख की लागत से बनाए जा रहे दो सौ मीटर के इस नाले में खुलेआम पीली ईंटों का प्रयोग किया जा रहा है. नाले की निर्माण में मजबूती के लिए न ही रेतीली मौरंग का प्रयोग किया जा रहा है और बालू की जगह ठेकेदार नाले को ही खोद कर उसकी मिट्टी मिश्रित बालू का उपयोग कर रहे हैं.
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इस बात पड़ताल करने ग्राउंड पर यूपी तक की टीम पहुंची तो नजारा देखते बन रहा था. श्रमिकों से काम ले रहा ठेकेदार का मेट अपनी मोटरसाइकिल से भागता दिखाई पड़ा. वहीं मजदूर मुंह छुपाकर तेजी से भागते दिखाई दिए. जब उनसे भागने का कारण पूंछा तो कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं था.
इस सबके बीच बेहद चौंकाने वाला उत्तर , वहां काम कर रहे राजगीर मिस्त्री ने दिया. उसने बताया कि इन पीली ईंट का प्रयोग करवाया जा रहा है. वहीं तस्वीरों में साफ तौर से प्रयोग की जा रही पीली ईंट कई चट्टों में दिखाई पड़ रही है. बता दें कि बहराइच नगर पालिका परिषद के बजट से स्वीकृत इस नाले का निर्माण बहराइच में बड़े पैमाने पर होने वाली जलभराव को समाप्त करने के लिए किया जा रहा है. नाले निर्माण को लेकर जब यूपी तक ने बहराइच के नगर पालिका परिषद के अधिशाषी अधिकारी बालमुकुंद मिश्रा से संपर्क किया गया तो उन्होंने जांच के लिए सहायक अभियंता देवेंद्र धीमान को भेजा. जांच के बाद उन्होंने निर्माण सामग्री में गुणवत्ता पर सवाल उठाए.
उन्होंने बताया की इस नाले में दो पार्टों में सौ मीटर का निर्माण हुआ है. इसका बजट करीब 48 लाख है. इसका स्थलीय निरीक्षण जे ई साहब के द्वारा किया गया था. उन्होंने बताया कि नोटिस दिया गया है और ठेकेदार को बुलाकर ईंटे बदलवाए जायेंगे. अगर उन्होंने गुणवत्ता परक काम उनके द्वारा नही किया तो उसकी कटौती करके भुगतान किया जाएगा और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी. इस निर्माण को लेकर स्थानीय लोगों ने भी नाराजगी जाहिर की है. बहराइच के बशीरगंज निवासी केशव यादव ने बताया की उनका बगल में आलू का प्लाट है. इस नाले का निर्माण जनवरी माह से शुरू हुआ है. बहुत खराब काम हो रहा है. इसमें मौरंग का प्रयोग नहीं हो रहा है और बालू इसमें से हो खोद कर मिला लें रहे हैं.
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