15 साल पहले नाबालिग लड़के ने लड़की को लिखा था लेटर, अब कोर्ट ने युवक को सुनाई अनोखी सजा

सिद्धार्थ गुप्ता

01 Jun 2023 (अपडेटेड: 01 Jun 2023, 03:56 AM)

Banda News: ‘कच्ची उम्र में की गई गलतियां, बाद में भारी पड़ती हैं’. ये लाइन आपने अक्सर सुनी होगी. इसका ताजा उदाहरण उत्तर प्रदेश के…

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Banda News: ‘कच्ची उम्र में की गई गलतियां, बाद में भारी पड़ती हैं’. ये लाइन आपने अक्सर सुनी होगी. इसका ताजा उदाहरण उत्तर प्रदेश के बांदा से सामने आया है. दरअसल 15 साल पहले नाबालिग आरोपी, 14 साल की छात्रा को लव लेटर लिखता था. आरोप था कि वह उसे जबरन परेशान भी करता था और पुलिस से शिकायत करने पर उसने नाबालिग को घर से उठाने तक की धमकी दी थी. उस समय शायद ही नाबालिग आरोपी को अंदाजा होगा कि उसकी ये गलतियां, उसे जवानी में कितनी भारी पड़ने वाली हैं. 

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अब इस मामले में 15 साल बाद कोर्ट का फैसला आया है. अब नाबालिग आरोपी जवान हो चुका है. कोर्ट ने आरोपी को दोषी माना और अपना फैसला सुना दिया. कोर्ट ने आरोपी को 1 साल की सजा सुनाई और उसपर 3 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा दिया.

‘जज साहब, मैं केस लड़ने लायक भी नहीं हूं’

दरअसल ये पूरा मामला शहर कोतवाली के एक गांव से सामने आया है. मिली जानकारी के मुताबिक, पीड़िता नाबालिग की मां ने साल 2008 में एक केस दर्ज करवाया था. आरोप था कि गांव का ही एक लड़का उनकी 14 साल की लड़की को परेशान करता है. शिकायत में कहा गया था कि वह मेरे छोटे बेटे के हाथों उसे लेटर भेजता है. आरोप था कि लेटर में पुलिस से शिकायत करने पर परिवार को जान से मारने की भी धमकी भी दी गई थी.

इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था. इस केस की सुनवाई के दौरान 6 से अधिक जज भी बदले. 70 से 80 तारीख भी आगे बढ़ी. तमाम दलील पेश की गई. ट्रायल चले. कई गवाह पेश हुए. फिर आरोपी ने जज के सामने अपना जुर्म कबूल किया. 

मिली जानकारी के मुताबिक, इस दौरान आरोपी ने जज के सामने मांफी मांगी और फिर कभी ऐसा न करने की बात कही. इस दौरान आरोपी ने ये भी कहा कि अब वह केस लड़ने लायक भी नहीं है. उसने केस लड़ने  में भी अपनी असमर्थता जाहिर की.

कोर्ट ने सुनाई सजा

बता दें कि कोर्ट ने आरोपी को एक साल की परिवीक्षा की सजा सुनाई है. एक साल तक आरोपी अभियोजन अधिकारी के पर्यवेक्षण में रहेगा. इस दौरान अगर वह कोई गलत कार्य करता पाया गया,  तो उसे सजा भुगतनी पड़ सकती है. 

बता दें कि अभियोजन अधिकारी राजेश कुमार ने मामले की पैरवी की तो वहीं जज बीडी गुप्ता ने एक साल की अनोखी सजा सुनाई है. आरोपी एक साल तक प्रोवेशन अधिकारी के सामने हर माह की पहली तारीख को पेश होगा. इसके अलावा आरोपी पर 3 हजार जुर्माना भी लगाया गया है, वह वह पीड़ित परिवार को देगा.

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