गाजियाबाद नगर निगम (Ghaziabad Municipal Corporation) ने पिटबुल और रॉटवीलर जैसी खूंखार प्रजातियों के कुत्तों को पालने के शगल को नियंत्रित करने के वास्ते आगामी एक नवंबर से पालतू कुत्तों के लिए लाइसेंस की व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है.
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महापौर आशा शर्मा ने बताया कि आगामी एक नवंबर से शहर में कुत्ता पालने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा और कुत्ता मालिकों को दो महीने के अंदर पंजीयन कराना होगा.
उन्होंने बताया कि अब एक परिवार सिर्फ एक ही कुत्ता रख सकेगा और कुत्ते को सार्वजनिक स्थानों पर ले जाने से पहले उसे मुखौटा लगाना अनिवार्य होगा ताकि वह किसी को काट न सके.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा बहुमंजिला इमारतों से कुत्ते को बाहर ले जाने के लिए सिर्फ सर्विस लिफ्ट का ही इस्तेमाल किया जाएगा और इन निर्देशों का उल्लंघन करने पर दोषियों पर जुर्माना लगाया जाएगा.
शर्मा ने कहा कि हाल के महीनों में शहर में कुत्तों द्वारा लोगों को काटे जाने की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर यह फैसला किया गया है.
महापौर ने बताया कि शनिवार को हुई नगर निगम की बोर्ड बैठक में कुत्तों की नसबंदी को अनिवार्य घोषित कर दिया गया है और बिना नसबंदी कराए प्रमाणपत्र के लिए पंजीकरण नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि अगर कुत्ते की उम्र छह महीने है तो उसके मालिक को शपथपत्र पर यह आश्वासन देना होगा कि जब कुत्ते की उम्र एक साल हो जाएगी तो वह उसकी नसबंदी कराएगा.
शर्मा ने बताया कि शहर में 10 से ज्यादा बच्चों को कुत्ते काट चुके हैं और संजय नगर कॉलोनी के रहने वाले बच्चे कुश त्यागी पर पिटबुल प्रजाति के कुत्ते ने हमला किया था जिसके चेहरे पर 150 टांके लगाए गए थे और चार दिन पहले भी इसी प्रजाति के कुत्ते ने एक अन्य लड़के पर हमला किया था.
उन्होंने बताया कि नगर निगम के सभी जोनल अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी कुत्ता मालिकों को नोटिस जारी कर उन्हें बोर्ड बैठक में पारित किए गए नियम-कायदों के बारे में जानकारी दें.
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