हापुड़ की कीर्ति सिंह आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई. कीर्ति सिंह ने 48 घंटे तक अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ी. मगर वह यह जंग जीत ना सकी. बेटी की मौत की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया. जिसके खिलखिलाने की आवाज से घर चहकता रहता था, आज वह आवाज पूरी तरह से खामोश हो चुकी थी. हर कोई उन बदमाशों को भी कोस रहा है, जिन्होंने एक हस्ती खेलती लड़की से उसकी जिंदगी छीन ली.
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कीर्ति सिंह हाल ही में अपने सपनों को पूरा करने के लिए हापुड़ से निकलकर गाजियाबाद आई थी. वह यहां के ABES कॉलेज से बीटेक कर रही थी. अभी उसका पहला साल ही था. मगर शायद उसकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. कीर्ति सिंह ने दोनों बदमाशों का डटकर सामना किया, उन दोनों का जमकर विरोध किया और दोनों बदमाशों से खूब भिड़ी, मगर वह अपनी जिंदगी ना बचा सकी.
बदमाशों से भिड़ गई थी कीर्ति सिंह
शुक्रवार की शाम कीर्ति सिंह और उसके परिवार के लिए किसी मनहूस शाम से कम नहीं थी. दरअसल कीर्ति सिंह हर रोज हापुड़ से गाजियाबाद पढ़ने के लिए जाती थी. शुक्रवार की शाम भी उसने ऑटो लिया और उसमें बैठ गई. ऑटो मसूरी क्षेत्र के डासना फ्लाईओवर पर आया, तभी 2 बदमाश बाइक पर सवार होकर ऑटो का पीछा करने लगे.
दोनों बदमाशों ने कीर्ति से उसका मोबाइल छीनने की कोशिश की. मगर कीर्ति ने अपना मोबाइल नहीं दिया. उल्टा वह दोनों बदमाशों से भिड़ गई. उसने ऑटो में बैठे-बैठे ही दोनों बदमाशों का जमकर विरोध किया. ये देख दोनों बदमाश डर गए. इस दौरान बदमाशों ने कीर्ति को ऑटो से बाहर खींच लिया. कीर्ति सिर के बल रोड पर आकर गिर पड़ी. इस दौरान उसके सिर पर गंभीर चोट आई.
अस्पताल में हारी जिंदगी की जंग
कीर्ति को गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में भर्ती करवाया गया. उसका डॉक्टरों ने ऑपरेशन भी किया. मगर घटना के बाद से ही उसे होश नहीं आया. डॉक्टरों ने 72 घंटे गंभीर बताए. मगर कीर्ति 48 घंटे बाद ही जिंदगी की जंग हार गई. बेटी की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
पुलिस ने बदमाश को एनकाउंट में मार गिराया
आपको बता दें कि कीर्ति की मौत अस्पताल में बीते रविवार शाम हुई. उसी रात को पुलिस ने एनकाउंट में बदमाश को गोली मार दी. बदमाश को अस्पताल लाया गया. मगर उसकी मौत हो गई. इससे पहले पुलिस ने मुठभेड़ में इस केस में शामिल दूसरे बदमाश को भी मुठभेड़ के बाद दबोच लिया था.
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