Hapur News: लालच बुरी बला है. ये लाइन आपने अक्सर सुनी होगी. मगर फिर भी लोग लालच में पड़कर अपनी जिंदगी और अपने भविष्य के साथ खेल ही लेते हैं. कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के हापुड़ से. दरअसल यहां सरकारी डॉक्टर डॉ. रूपाली गुप्ता तैनात हैं. रूपाली गुप्ता हड्डी रोग विशेषज्ञ भी हैं. सरकार की तरफ से भारी भरकम सैलरी उन्हें मिलती ही है. मगर पैसों के लालच ने अब उन्हें लंबा फंसा दिया है.
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दरअसल हापुड़ की जिलाधिकारी प्रेरणा शर्मा को सूचना मिली की डॉ रूपाली गुप्ता सरकारी अस्पताल में मरीजों के साथ ठीक व्यवहार नहीं कर रही हैं और वह सरकारी ड्यूटी पर भी ध्यान नहीं दे रही हैं. यहां तक की वह स्वास्थ्य विभाग के कई अहम कार्यकर्मों और शिविरों में भी भाग नहीं ले रही हैं. हापुड़ डीएम को जानकारी मिली की डॉ रूपाली गुप्ता नोएडा में खुद का प्राइवेट क्लीनिक चला रही हैं. ऐसे में डीएम ने जांच के लिए टीम का गठन कर दिया. अब टीम ने मामले की जांच के लिए जो तरीका अपनाया, अब वह काफी चर्चाओं में आ गया है.
रंगे हाथों पकड़ी गईं डॉक्टर
दरअसल डीएम ने मामले की जांच के लिए टीम का गठन किया. इस टीम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा अपर चिकित्सा अधिकारी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी समेत स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी थे. टीम शनिवार की शाम करीब 6.30 बजे डॉ रूपाली के नोएडा स्थित प्राइवेट क्लीनिक में पहुंच गई.
इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मरीज बनकर क्लीनिक में पहुंचे. पहले अधिकारियों ने डॉक्टर को दिखाने के लिए 600 रुपये की पर्ची कटवाई. इसके बाद अधिकारी डॉक्टर रूपाली को दिखाने के लिए पहुंच गए. इस दौरान टीम का एक सदस्य इस पूरे मामले का वीडियो बनाता रहा और डॉक्टर रूपानी को रंगे हाथ प्राइवेट क्लीनिक चलाते हुए पकड़ लिया.
सीएमओ ने ये बताया
इस पूरे मामले पर सीएमओ ने बताया, “डॉ रुपाली के खिलाफ जिलाधिकारी व महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवाएं लखनऊ को सूचना भेज दी गई है. अन्य कोई भी सरकारी चिकित्सक अगर निजी प्रैक्टिस करते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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