साबरमती एक्सप्रेस में पति के शव के साथ 13 घंटे तक सफर करती रही पत्नी, झांसी का ये केस चौंकाऊ है

प्रमोद कुमार गौतम

04 Jan 2024 (अपडेटेड: 04 Jan 2024, 05:26 AM)

साबरमती एक्सप्रेसवे में एक पत्नी अपने पति के शव के साथ करीब 13 घंटों तक सफर करती रही. इस दौरान वह पति के शव के साथ ही बैठी रही. मगर कोच में बैठे अन्य यात्रियों को पता भी नहीं चला कि वह एक शव के साथ सफर कर रहे हैं.

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Jhansi News: साबरमती एक्सप्रेस, अहमदाबाद से चलकर अयोध्या जा रही थी. मगर इस ट्रेन में यात्री एक शव के साथ सफर कर रहे थे. हैरानी की बात ये थी कि यात्रियों को खुद नहीं पता था कि वह एक शव के साथ पिछले 13 घंटों से यात्रा कर रहे हैं. जब इस मामले का खुलासा हुआ तो पूरी ट्रेन में हड़कंप मच गया. 

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दरअसल गुजरात के सूरत से मृतक युवक अपने साथी और अपनी पत्नी-बच्चों के साथ अयोध्या जाने के लिए साबरमती ट्रेन में बैठा. यात्रा के दौरान युवक ट्रेन में सो गया. इसी दौरान उसकी मौत हो गई और वह कभी नींद से उठा ही नहीं. उसकी पत्नी समेत सभी को लगा कि युवक सो गया है. मगर जल्द ही उन्हें पता चल गया कि उसकी मौत हो चुकी है. मगर उन लोगों ने किसी को भी इसकी जानकारी नहीं दी. ऐसे करते-करते करीब 13 घंटे गुजर गए. फिर जाकर ट्रेन के अन्य यात्रियों को पता चला कि वह सभी शव के साथ सफर कर रहे हैं. फिर झांसी में जीआरपी ने शव को ट्रेन से नीचे उतारा और आगे की कार्रवाई शुरू की.

शव के साथ सफर करते रहे यात्री

मिली जानकारी के मुताबिक, अयोध्या के थाना इनायत नगर के ग्राम मजलाई में रहने वाला रामकुमार अपनी पत्नी प्रेमा, दो छोटे-छोटे बच्चों व साथी सुरेश यादव के साथ यात्रा कर रहा था. इन सभी ने अहमदाबाद से चलकर अयोध्या जाने वाली साबरमती एक्सप्रेस के स्लीपर कोच एस-6 में अपनी सीट बुक की.

इन्होंने गुजरात के सूरत से ट्रेन पकड़ी और सभी सीट नंबर 43,44 और 45 में जाकर बैठ गए. ट्रेन में सफर के दौरान राजकुमार सो गया. मंगलवार की सुबह 8 बजे पत्नी और साथी युवक ने राजकुमार को जगाने की कोशिश की. मगर वह नहीं उठा. 

राजकुमार की हो चुकी थी मौत

मिली जानकारी के मुताबिक, राजकुमार की पत्नी और उसके दोस्त ने उसे उठाने की काफी कोशिश की. मगर वह नहीं उठा. इसके बाद राजकुमार के साथी ने उसके दिल की धड़कन को देखा तो वह चौंक गया. दरअसल राजकुमार का दिल काम नहीं कर रहा था. उसकी दिल की धड़कन बंद हो चुकी थी.

बता दें कि राजकुमार की पत्नी को ये बात पता चल गई. उसे लगा कि रास्ते में अन्य यात्रियों को कोई दिक्कत ना हो, इसलिए वह चुप रही. रात करीब 8 बजे ट्रेन झांसी रेलवे स्टेशन पहुंची तब जाकर परिवार ने जीआरपी की मदद ली और शव को ट्रेन से नीचे उतरवाया. जैसे ही ट्रेन में लोगों को पूरे मामले का पता चला तो सभी सन्न रह गए. किसी को यकीन ही नहीं हुआ कि वह पिछले 13 घंटों से एक शव के साथ सफर कर रहे थे. इसके बाद जीआरपी ने शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया. फिलहाल ये मामला चर्चाओं में बना हुआ है.

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