कौशांबी में पूरा मोबाइल टावर ही चुरा ले गए चोर! फिर पुलिस ने की जांच तो सामने आई ये कहानी

अखिलेश कुमार

• 09:26 AM • 01 Dec 2023

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के कौशांबी (Kaushambi News) जिले में मोबाइल टावर चोरी होने का एक अनोखा मामला प्रकाश में आया है. टावर…

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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के कौशांबी (Kaushambi News) जिले में मोबाइल टावर चोरी होने का एक अनोखा मामला प्रकाश में आया है. टावर लगाने वाली कंपनी ने घटना सामने आने के 9 महीने बाद ऑनलाइन तहरीर देकर टावर चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कराई है. चोरी होने की जानकारी पुलिस हुई तो हड़कंप मच गया. पुलिस ने छानबीन की तो चौकाने वाला खुलसा हुआ है. बताया जा रहा है जमीन मालिक से विवाद होने के बाद कंपनी ने खुद टावर खुलवा लिया था और बाद में टॉवर चोरी होने का ऑनलाइन मुकदमा दर्ज कराया. इस मामले में कंपनी के खिलाफ 182 की कार्रवाई किया जा रहा है. उन्होंने झूठा मुकदमा दर्ज करवाया है.

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कंपनी ने ऑनलाइन दर्ज कराया था मुकदमा

मामला सन्दीपन घाट थाना क्षेत्र के उजीहिनी गांव का है. उजिहानी खालसा गांव मे उबैद उल्ला पुत्र मजीद उल्ला के जमीन पर लगाया गया था. प्रतापगढ़ जनपद के रानीगंज थाना के रस्तीपुर के रहने वाले राजेश यादव पुत्र स्व भगवती दीन यादव GTL इंफ्रास्टेक्चर लिमिटेड कंपनी मे बतौर टेक्निसियन तैनात है. कंपनी के मुताबिक उनके टेक्नीशियन राजेश यादव ने 31 मार्च 2023 को विजिट किया तो जिस जमीन पर लगा था, वहां से टावर का पूरा स्टैक्चर व सेटअप गायब मिला. जमीन के मालिक से पूछताछ करने पर उन्होंने मामले में जानकारी होने से साफ इंकार कर दिया. जिसके बाद कंपनी के इंजीनियर ने चोरी की घटना सामने आने के 9 महीने बाद 28 नवम्बर को अज्ञात चोरों के खिलाफ ऑनलाइन मुकदमा दर्ज कराया.

यूपी के कौशांबी जिले में मोबाइल टॉवर हुआ चोरी.

क्या है पूरा मामला

बताया जा रहा है कि इस कंपनी के कौशांबी जिले के अलग अलग क्षेत्र मे दर्जन भर से अधिक टावर लगाए थे. जिसमें से एक पूरा टावर को ही चोरों ने गायब कर दिया. पुलिस ने मुक़द्दमा के आधार पर जांच शुरू किया तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ. पुलिस के मुताबिक टावर लगाने वाली कंपनी ने 2010 में जमीन मालिक उबैदुल्लाह के साथ 10 साल का कांटेक्ट साइन करने के बाद टावर लगवाया था. 10 साल पूरे हो जाने के बाद कंपनी पहले से कम रेट देकर टावर उसी स्थान पर लगे रहना देना चाहती थी लेकिन जमीन मालिक ने इस बात से इनकार कर दिया और किराए की धनराशि बढ़ाने की बात कही.

12 लाख थी पूरे टॉवर की कीमत

इसके बाद कंपनी के कर्मचारियों ने जनवरी 2023 में लिखा पड़ी कर टावर वहां से खुलवा लिया और बाद में 31 मार्च की घटना दिखाकर बिना थाने में आए ऑनलाइन मुकदमा दर्ज कर दिया. पुलिस इस मामले में जमीन मालिक से टावर खुलवाते समय कंपनी द्वारा दिए गए कागजात को लेकर पूरे मामले में कंपनी के खिलाफ 182 की कार्रवाई शुरू कर दिया है. वही तहरीर देने वाले राजेश यादव ने तहरीर में बताया कि टावर व पूरे सेटअप की कीमत करीब 8,52,025 रुपये एवं WDV की कीमत 4,26,818 रुपये बताई जा रही है.

पुलिस ने बताई चोरी की असली कहानी

SP बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि, ‘थाना संदीपन घाट में एक कंपनी जिसे अपना टावर लगा रखा था. उसका जो ओनर है और लैंड का जो मालिक था इनके बीच डिस्ट्रीब्यूशन होने की वजह से जनवरी 2023 मे रिसीविंग करते हुए टावर व अपने सभी सामान ले गए थे और उसके बाद ऑनलाइन एक एफआईआर दर्ज कराया. जिसमें मार्च 2023 की घटना दिखाया गया है. यह घटना पूरी तरीके से झूठी है. इस पूरे मामले में जो विधि करवाई है और गैंग में जो भी लोग सम्मिलित हैं उनको चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.’

टावर कंपनी का कहना है कि उनका पूरा टावर चला गया है और यह मार्च 2023 की घटना है. इसीलिए उन्होंने ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराया थाने में नहीं आए. यह पूरी रिसीविंग मिल गई है. इसमें विवेचना करके जो भी सही तथ्य हैं, उन्हें सामने लाया जाएगा. आगे जिन लोगों ने झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई है उनके खिलाफ 182 की कार्रवाई की जाएगी.’

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