Uttar Pradesh News : अयोध्या में भगवान श्री राम जन्मभूमि मंदिर के लोकार्पण की तैयारियां जोरों पर हैं. वहीं लोकार्पण की तारीख की घोषणा के बाद आम लोगों में भी जबरदस्त उत्साह दिखाई दे रहा है. यही नहीं अब तो राम मंदिर की अनुकृतियों का निर्माण भी किया जा रहा है और लकड़ी के प्लेट की कटिंग कर बनाई गई इन अनुकृतियों की जबरदस्त डिमांड है.
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राम मंदिर मॉडल की बढ़ी डिमांड
पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली में भी भगवान श्री राम के मंदिर की अनुकृति तैयार की जा रही है.जिसे लोग अपने ड्राइंग हॉल में रखने के लिए खरीद रहे हैं. इस तरह की अनुकृतियों का निर्माण करने वाले दुकानदार की माने तो जब से अयोध्या में भगवान श्री राम जन्मभूमि मंदिर के लोकार्पण की तारीख की घोषणा हुई है उसके बाद से ही इस तरह की अनुकृतियों की डिमांड बढ़ गई है.
बड़ी संख्या में खरीद रहे लोग
उत्तर प्रदेश के चंदौली के दीनदयाल नगर में अयोध्या में बन रही श्री राम जन्मभूमि मंदिर की अनुकृति तैयार की जा रही है. राम मंदिर के लोकार्पण को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह है और लोग इस तरह अनुकृति खरीद कर अपनी ड्राइंग रूम में सजा रहे हैं. अयोध्या में भगवान श्री राम जन्मभूमि मंदिर की तरह अनुकृति तैयार वाले चंदौली के दीनदयाल नगर के रहने वाले धर्म प्रकाश जायसवाल बताते हैं कि इससे पहले उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की तरह अनुकृति का निर्माण किया था. जिसे लोगों ने काफी सराहा था और उसकी जबरदस्त डिमांड हुई थी.
कारोबारियों में गजब का उत्साह
उन्होंने कहा कि, ‘इसके बाद जब अयोध्या में भगवान राम जन्म भूमि मंदिर के लोकार्पण की तारीख तय हुई तो उन्होंने सोचा कि क्यों ना भगवान श्री राम मंदिर की तरह अनुकृति तैयार की जाए. लिहाजा उन्होंने इस तरह की अनुकृति बनानी शुरू की.’ धर्म प्रकाश जायसवाल बताते हैं कि इस तरह की अनुभूति की जबरदस्त डिमांड है और लोग प्री बुकिंग भी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि लकड़ी के प्लेट को मशीन के द्वारा कटिंग की जाती है उसके बाद मंदिरकी अनुकृति को असेंबल किया जाता है.यह इतना आसान भी नहीं है.
धर्म प्रकाश बताते हैं कि एक मंदिर की अनुकृति को तैयार करने में तकरीबन दो दिनों का वक्त लग जाता है. धर्म प्रकाश जायसवाल बताते हैं कि जैसे-जैसे अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर खेलोकार्पण की तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे इस तरह की अनुकृतियों की डिमांड भी बढ़ रही है. जिसे आम लोग भी खरीद रहे हैं और आसपास के जिलों के दुकानदार भी उनके यहां से इस अनुकृति बेचने के लिए को ले जा रहे हैं.
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