Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar News) में एक कॉलेज की लड़कियों ने बुर्का और हिजाब पहनकर रैंप वॉक किया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बवाल मच गया. मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इसपर कड़ी आपत्ति जताई है. वहीं, संभल से सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने भी इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया दी है.
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भड़के सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क
शफीकुर्रहमान ने कहा कि बुर्के और हिजाब में रैंप वॉक को लेकर उलेमाओं का ऐतराज करना जायज है, क्योंकि लड़कियों के द्वारा ऐसा करना इस्लाम के कानून के खिलाफ है. उनके मां-बाप से बातचीत करना चाहिए और उनपर एक्शन होना चाहिए. उन्हें बताना चाहिए कि ऐसा काम करके इस्लाम को बदनाम न करें. लड़कियों के मां-बाप से भी बातचीत होनी चाहिए. मां-बाप से कहना चाहिए कि वह इन लड़कियों के खिलाफ एक्शन लें, उन्हें डांटें. हम लोग भी अपनी लड़कियों को समझाएं कि इस तरह की हरकतें करके इस्लाम को बदनाम नहीं करें.
सपा सांसद ने आगे कहा कि फैशन-शो का मतलब यह नहीं है कि अपने दीन और मजहब को बदनाम किया जाए. हममें और दूसरों में क्या फर्क रह जाएगा. अब इस तरीके के रैंप वॉक या कैटवॉक नहीं होने चाहिए.
क्या है पूरा मामला?
मुजफ्फरनगर जिले में प्रतिष्ठित स्कूल श्री राम कॉलेज में पिछले तीन दिनों से फैशन शो का एक कार्यक्रम चल रहा था, जिसमें मंदाकिनी सहित कहीं बड़ी फिल्मी हस्तियों ने हिस्सा लिया था. बताया जा रहा है कि इसी कार्यक्रम के समापन पर रविवार देर शाम फैशन शो के दौरान कुछ छात्राओं ने बुर्का और हिजाब पहनकर रैंप पर कैटवॉक किया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
मौलाना मुकर्रम कासमी ने जताया विरोध
वहीं,जमीयत ए उलेमा के मुज़फ्फरनगर के जिला कन्वीनर मौलाना मुकर्रम कासमी ने बताया कि बुर्के को फैशन शो में इस्तेमाल किया गया है, जबकि हमारा मानना यह है कि बुर्का जो है वह फैशन शो का हिस्सा नहीं है. जिन बच्चों से यह प्रोग्राम कराया गया है तो यह एक मजहब को टारगेट करने वाली बात है. कहीं ना कहीं मुसलमान मजहब को और उनकी धार्मिक भावनाओं को भड़काया गया है, इसलिए फैशन शो का हिस्सा बुर्का नहीं है, तो इसको फैशन शो में इस्तेमाल क्यों किया गया है?
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