Uttar Pradesh News : उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल (Uttarkashi Tunnel Rescue) में फंसे मजदूरों को किसी भी वक्त बाहर निकाला जा सकता है. सुरंग में खुदाई पूरी हो गई है. 800 मिमी व्यास का पाइप भी डाला जा चुका है. एनडीआरएफ की टीम पाइप के जरिए मजदूरों तक पहुंच गई है. ये टीम मजदूरों को पाइप के जरिए बाहर निकालने में मदद करेगी. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही मजदूरों को बाहर निकाला जा सकता है. वहीं टनल के बाहर मजदूरों के परिजन उनका बेस्ब्री से इंतजार कर रहे हैं.
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टनल के बाहर डंटे हुए हैं पिता
उत्तरकाशी के टनल के बाहर लखीमपुरखीरी के रहने वाले चौधरी भी अपने बेटे का इंतजार कर रहे हैं. बता दें कि इस टनल में 41 मजदूरों के साथ लखीमपुर खीरी का एक श्रमिक मंजीत चौधरी भी फंसा हुआ है. अपने बेटे मंजीत के निकलने की आस लिए हुए उनके पिता पिछले दो हफ्तों से टनल के बाहर खड़े हैं. वहीं जब उनको खबर दी गई कि आपका बेटा कभी भी टनल से बाहर निकल सकता है तो उन्होंने इस बात पर खुशी जताई. आंखों में खुशी के आंसू लेकर लखीमपुर के चौधरी ने कहा कि ‘परिवार का एक पौधा बचा था वो मिल गया.’
बड़े बेटे की पहले ही हो चुकी है मौत
बता दें कि लखीमपुर खीरी के चौधरी ने यूपीतक से पहले बात करते हुए बताया था कि उनके दो बेटे थे पर बड़े लड़के की पहले ही मौत हो चुकी है. उन्होंने कहा था कि, ‘बड़ा लड़का हमारा मुंबई में मजदूरी करने गया था और वहीं खत्म हो गया था. यह अकेला बेटा हमारा बच्चा हुआ है. अभी इसकी शादी नहीं हुई है. हम सरकार से मांग करते हैं कि हमारा लड़का सुरक्षित मिल जाए और सभी जितने बच्चे हैं सब बाहर निकल आए.’ वहीं अब मंजीत चौधरी किसी भी वक्त उत्तरकाशी के उस टनल से बाहर आ सकते हैं.
17 दिन से टनल में फंसे हैं 41 मजदूर
दरअसल, उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग बनाई जा रही है. वहीं 17 दिन पहले सुरंग में हुए हादसे में 41 मजदूर अंदर ही फंस गए. उन्हें निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. सुरंग में फंसे मजदूरों तक पाइप के जरिए खाना पहुंचाया जा रहा है. टनल से मजदूरों को निकालने के लिए की एजेंसियां काम कर रही हैं.
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