वाराणसी में मां के शव के साथ एक साल तक घर में रहीं 2 बेटियां, मनाई बर्थडे, ऐसे खुला राज

रोशन जायसवाल

• 06:54 AM • 30 Nov 2023

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले से एक बेहद ही सनसनीखेज मामला सामने आया है. आपको बता दें कि यहां दो बेटियां अपनी मां के शव के साथ लगभग एक साल तक घर में रहती रहीं…

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Varanasi News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले से एक बेहद ही सनसनीखेज मामला सामने आया है. आपको बता दें कि यहां दो बेटियां अपनी मां के शव के साथ लगभग एक साल तक घर में रहती रहीं. मां का शव कंकाल का रूप धारण कर चुका था, लेकिन बेटियों ने अंतिम संस्कार नहीं कराया. इस दौरान उन्होंने घर पर बर्थडे पार्टी भी सेलिब्रेट की. पिछले कई दिनों से जब दोनों लड़कियां घर से बाहर नहीं निकलीं, तो पड़ोसियों ने इस बात की जानकारी रिश्तेदारों को दी. सूचना पर रिश्तेदार जब घर पहुंचे तो उन्होंने जो मंजर देखा उससे उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. उन्होंने पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने कंकाल बन चुके शव को घर से बाहर निकाला और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा. फिलहाल, पुलिस मृतका की दोनों बेटियों से पूछताछ कर रही है.

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क्या है पूरा मामला?

आपको बता दें कि यह पूरा मामला लंका थाना क्षेत्र के सामने घाट चौकी अंतर्गत आने वाले मदरवां का है. यहां सुनसान इलाके के एक घर से पुलिस ने 52 वर्षीय उषा त्रिपाठी नामक महिला का शव बरामद किया है. शव पिछले एक साल से घर में पड़ा था और यहां मृतका की दोनों बेटियां रह रही थीं. 27 वर्षीय बड़ी बेटी पल्लवी त्रिपाठी पोस्ट ग्रेजुएट है जबकि छोटी बेटी वैश्विक त्रिपाठी 17 साल की है और दसवीं पास है. बता दें कि घर में रखे-रखे मृतका का शव कंकाल बन चुका था. शव को चादर और कंबल में लपेटकर एक कमरे में रखा गया था. बेटियों ने बताया कि तबीयत बिगड़ने से मां उषा त्रिपाठी की मौत 8 दिसंबर 2022 को ही हो चुकी थी और पिता पिछले कई साल पहले घर छोड़कर जा चुके हैं.

परिजन आए तब शव के साथ बैठीं थीं बेटियां

दरअसल, पिछले कुछ समय से जब दोनों बेटियां घर के बाहर नहीं निकलीं तो आसपास के लोगों ने इसकी जानकारी मृतका के मिर्जापुर में रहने वाले बहनोई धर्मेंद्र चतुर्वेदी को दी. इसके बाद धर्मेंद्र और उनकी पत्नी मौके पर पहुंचे और दरवाजा खुलवाया. घर का दरवाजा खुलते ही एक कमरे में दोनों बेटियां पल्लवी और वैश्विक अपनी मां उषा त्रिपाठी के शव के साथ बैठी हुई मिलीं. यह देखकर रिश्तेदार धर्मेंद्र चतुर्वेदी के होश उड़ गए और उन्होंने इसकी सूचना तत्काल लंका थाने की पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस को देखकर दोनों बेटियों ने काफी हंगामा मचाया. किसी तरह शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा. साथ ही दोनों बेटियों से पूछताछ शुरू कर दी.

बेटियों ने क्यों नहीं किया मां का अंतिम संस्कार?

पूछताछ में पुलिस को बेटियों ने बताया कि उनकी मां उषा त्रिपाठी की मौत तबीयत बिगड़ने से हुई थी. ऐसे में मां की मौत के बाद संसाधन के अभाव के चलते दोनों बेटियों ने एक कमरे में शव को छिपा दिया और अंतिम संस्कार नहीं किया. बदबू से बचने के लिए वो अगरबत्ती आदि का इस्तेमाल करती थीं. मकान के आसपास कोई पड़ोसी ना होने के चलते इसकी भनक लोगों को नहीं मिली.

बहाना बनाकर रिश्तेदारों को घर से लौटा देतीं थीं बेटियां

पिछले एक साल में जो भी रिश्तेदार घर आता था तो बेटियां मां की तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर उन्हें लौटा देती थीं. किसी को मां से मिलने नहीं देती थी. पुलिस को यह भी पता चला है कि पिछले काफी समय से दोनों का खर्चा आस-पड़ोस की मदद और उधार के अलावा घर के जेवर बेचकर चलता था. बताया जा रहा है कि बेटियां मानसिक रूप से कमजोर हैं.

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