देश भर में सौ साल से ज्यादा पुरानी सभी मस्जिदों का सर्वेक्षण करवाने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई है. ये याचिका शुभम अवस्थी और सप्तर्षि मिश्रा ने दाखिल की है. बता दें कि याचिका में वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में तालाब/कुएं में ‘शिवलिंग’ मिलने का हवाला दिया गया है. याचिका में मांग की गई है कि भारत में सौ साल से अधिक पुरानी सभी प्राचीन प्रमुख मस्जिदों में वजू के लिए कुओं, तालाबों या दूसरे धर्म के पूजा स्थलों के प्राचीन अवशेष छिपे हो सकते हैं या फिर वहां गुप्त रास्ते उनमें बने हो सकते हैं. लिहाजा उनका सर्वे कराया जाए.
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याचिका में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण या किसी अन्य सरकारी संगठन द्वारा स्थानीय अधिकारियों या किसी अन्य प्रशासनिक प्राधिकरण की सहायता से एक गोपनीय सर्वेक्षण की योजना बनाने के आदेश देने की मांग भी की गई है. इसके अलावा याचिका में गुहार लगाई गई है कि जब तक गोपनीय सर्वे ना हो तब तक 100 साल पुरानी मस्जिदों, उनमें बने तालाबों और कुओं से वजू की इजाजत ना हो और वहां नल आदि का इंतजाम किया जाए. ताकि यदि कोई अवशेष हो पता चल सके.
याचिका में कहा गया है, “यह सबको पता है कि बहुत सारे हिंदू/जैन/सिख/बौद्ध मंदिर और पूजा स्थलों को मध्ययुगीन काल के दौरान अपवित्र किया गया था, जब आक्रमणकारियों द्वारा मुख्य रूप से मुसलमानों द्वारा भारत में आक्रमण किया गया था. इसी तरह ऐतिहासिक, पौराणिक महत्व के इन प्राचीन उपासना स्थलों में बहुत सारे अवशेष और देवी देवता इस्लाम के अलावा भी अन्य धर्मों के होंगे.”
याचिकाकर्ताओं ने आपसी सहयोग और सद्भाव बनाए रखने की गुहार लगाते हुए मांग की है कि मस्जिदों में अवशेषों का सम्मान किया जाए. प्राचीन धार्मिक अवशेषों की देखभाल और उनकी वापसी के लिए कदम उठाए जाएं.
याचिका में ये भी दावा किया गया है के इतिहास में ऐसे बहुत सारे आलेख हैं, जिनमें ये लिखा है कि मुस्लिम आक्रांताओं द्वारा बहुत सारे मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी. ऐसे में अगर भारत सरकार द्वारा गोपनीय सर्वेक्षण किया जाएगा, तो बहुत सारे साक्ष्य सामने आ सकते हैं.
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