Gyanvapi: ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi News) के ASI सर्वे का आज लगातार चौथा दिन है. पिछले 4 दिनों से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारी ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कर रहे हैं. इस दौरान हिंदू पक्ष की तरफ से दावा किया जा रहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद में हिंदू धर्म के प्रतीक चिन्ह मिले हैं. इसी बीच अब वाराणसी शहर के मुफ्ती और ज्ञानवापी के इमाम का बड़ा बयान सामने आया है.
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बता दें कि शहर इमाम और ज्ञानवापी के इमाम अब्दुल बातिन नोमानी ने कहा है कि अगर कुछ निशान मस्जिद परिसर में दिख भी रहे हैं तो वह सभी निशान औरंगजेब ने हिंदू-मुस्लिम की साझा संस्कृति को दिखाने के लिए बनवाए होंगे. उन्होंंने आगे कहा कि मुगलों के अंदर सेकुलरिज्म था. वह अपने साथ-साथ हिंदू भाइयों को भी साथ लेकर चलते थे.
‘मस्जिद थी मस्जिद है और मस्जिद ही रहेगी’
शहर इमाम और ज्ञानवापी के इमाम अब्दुल बातिन नोमानी ने आगे कहा कि इस्लाम के मुताबिक, किसी गैर के इबादतगाह पर मस्जिद नहीं बनाई जा सकती. ऐसे में ढांचे को गिरा कर मस्जिद बनाने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता. बाकी देखते हैं कि एएसआई की सर्वे रिपोर्ट में क्या आता है.
‘औरंगजेब से ऐसी उम्मीद नहीं है’
शहर इमाम का कहना है कि यह मस्जिद औरंगजेब ने बनाई है. औरंगजेब से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती, क्योंकि औरंगजेब का मामला बहुत अलग था. उन्होंने आगे कहा कि दरअसल औरंगजेब बहुत ज्यादा धार्मिक थे. ऐसे में उनसे कतई उम्मीद नहीं रखी जा सकती है कि वह मंदिर को ढहा कर वहां मस्जिद का निर्माण करवाएं.
इस दौरान वाराणसी के शहर मुफ्ती और ज्ञानवापी के इमाम ने दावा किया है कि जो भी हिंदू प्रतीक चिन्ह इस ज्ञानवापी परिसर पर दिखाई दे रहे हैं, दरअसल वह हिंदू-मुस्लिम की साझा संस्कृति दिखाने के लिए औरंगजेब ने उस मस्जिद में बनवाए थे. इस दौरान उन्होंने ये भी साफ किया कि उन्हें आज तक ज्ञानवापी परिसर में ऐसा कुछ नहीं दिखा.
‘औरंगजेब ने मंदिरों को दान दिया’
इस दौरान शहर इमाम ने औरंगजेब को लेकर बड़ा दावा भी किया. उन्होंने कहा कि औरंगजेब ने मस्जिदों के साथ-साथ मठों और मंदिरों को भी जमीन दान में दी थी. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि आज भी बनारस में बड़े-बड़े मठों में आप औरंगजेब का फरमान देख सकते हैं. उन्होंने कहा कि औरंगजेब ने मंदिर को तुड़वाया नहीं है बल्कि मंदिरों को बनवाया है.
सीएम योगी के बयान पर दिया ये जवाब
बता दें कि हाल ही में सीएम योगी ने अपने बयान में कहा था कि मुसलमान समाज की तरफ से आगे आकर बातचीत के लिए प्रस्ताव रखना चाहिए. सीएम योगी के प्रस्ताव वाले बयान को शहर इमाम ने ठुकरा दिया है. शहर इमाम का कहना है कि हम ऐसा कोई प्रत्साव नहीं दे सकते और ना ही मुसलमान इस मामले में कोई प्रस्ताव लेकर आएंगे.
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