ज्ञानवापी परिसर से मिले कथित शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने और उस स्थान पर मुसलमानों का प्रवेश निषिद्ध करने का आदेश देने का अनुरोध करने वाली याचिका की पोषणीयता (सुनवाई की जाए या नहीं) पर वाराणसी के फास्ट ट्रैक अदालत में बृहस्पतिवार को सुनवाई पूरी हो गयी. अदालत इस संबंध में अपना फैसला आठ नवम्बर को सुनायेगी.
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हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने बताया कि भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य मामले में याचिका की पोषणीयता को लेकर हिन्दू और मुस्लिम पक्ष ने अपनी-अपनी बहस पूरी कर ली थी और आज इस मामले में आदेश आना था.
हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता ने बताया कि आज आदेश आना था मगर किन्हीं कारणों से अदालत ने इस मामले पर आठ नवम्बर तक के लिये आदेश को सुरक्षित रख लिया है. गौरतलब है कि वादी किरण सिंह ने 24 मई को जिला अदालत में यह वाद दाखिल किया था. याचिका में मुसलमानों का ज्ञानवापी परिसर में प्रवेश निषिद्ध करने, परिसर को हिंदुओं को सौपने के साथ ही परिसर में मिले कथित शिवलिंग की नियमित पूजा—अर्चना करने का अधिकार देने का अनुरोध किया गया है.
इस वाद में वाराणसी के जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतेजामिया कमेटी के साथ ही विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया है. बाद में 25 मई को जिला जज ए. के. विश्वेश ने याचिका को फास्ट ट्रैक अदालत में स्थानांतरित कर दिया था, जहां इसकी पोषणीयता पर सुनवाई हुई.
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