काशी से पीएम मोदी ने किसानों को दी बड़ी सौगात, जारी की किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त

यूपी तक

18 Jun 2024 (अपडेटेड: 18 Jun 2024, 06:59 PM)

Varanasi News : 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी पहुंचे. जहां पीएम मोदी ने किसान सम्मान निधि योजना के तहत 17 वीं किस्त जारी की.

तीसरी बार चुनाव जीतने के बाद पहली बार वाराणसी पहुंचे पीएम मोदी

pm modi

follow google news

Varanasi News : 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी पहुंचे. जहां पीएम मोदी ने किसान सम्मान निधि योजना के तहत 17 वीं किस्त जारी की. साथ ही पीएम ने कृषि सखी प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षण पाने वाली कृषि सखियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए. इस मौके पर पीएम मोदी के साथ मंच पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री व मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मौजूद रहें. वहीं यूपी के दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या और बृजेश पाठक भी मौजूद रहें. वहीं पीएम मोदी ने वहां मौजूद जनता को संबोधित किया. उन्होंने अपने संबोधन को दौरान भोजपुरी में बोलते हुए वाराणसी के जनता का जनादेश देने के लिए आभार व्यक्त किया. 

यह भी पढ़ें...

चुनाव जीतने के बाद पहली बार काशी पहुंचे पीएम मोदी

वाराणसी में पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि, '2024 चुनाव जीतने के बाद आज मै पहली बार बनारस आया हूं. मैं बनारस की जनता को नमस्कार करता हूं. काशीवासियों के असीम स्नेह से मुझे तीसरी बार देश का प्रधान सेवक बनने का सौभाग्य मिला है. काशी के लोगों के मुझे लगातार तीसरी बार अपना प्रतिनिधि चुनकर मुझे धन्य कर दिया है. अब तो मां गंगा ने भी जैसे मुझे गोद ले लिया है, मैं यहीं का हो गया हूं. काशी के लोगों ने तो सिर्फ सांसद नहीं बल्कि तीसरी बार प्रधानमंत्री भी चुना है, इसलिए आप लोगों को डबल बधाई. इस चुनाव में देश के लोगों ने अभूतपूर्व जनादेश दिया है.'

काशीवासियों को दी ये सौगात

पीएम नरेंद्र मोदी ने कृषि सखी प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षण पाने वाली कृषि सखियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए. साथ ही वहां मौजूद महिलाओं के लिए संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि "यहां इतनी बड़ी संख्या में हमारी माताएं-बहनें उपस्थित हैं. माताओं-बहनों के बिना खेती की कल्पना भी असंभव है. इसलिए अब खेती को नई दिशा देने में भी माताओं-बहनों की भूमिका का विस्तार किया जा रहा है. नमो ड्रोन दीदी की तरह ही कृषि सखी कार्यक्रम ऐसा ही एक प्रयास है. हमने आशा कार्यकर्ताओं के रूप में बहनों का काम देखा है. हमने बैंक सखियों के रूप में डिजिटल इंडिया बनाने में बहनों की भूमिका देखी है. अब हम कृषि सखी के रूप में खेती को नई ताकत मिलती देखेंगे. आज 30 हजार से अधिक सहायता समूहों को कृषि सखी के रूप में प्रमाणपत्र दिए गए हैं. अभी 12 राज्यों में ये योजना शुरू हुई है. आने वाले समय में पूरे देश में हजारों समूहों को इससे जोड़ा जाएगा. ये अभियान 3 करोड़ लखपति दीदीयां बनाने में भी मदद करेगा."

(इस खबर को यूपीतक के साथ इंटर्नशिप कर रहे अमित पांडे ने लिखा है.) 

    follow whatsapp