देश में कोरोना की घटती रफ्तार ने भले लोगों को राहत दे दी है, लेकिन अभी भी लगातार जागरूकता और इस जानलेवा बीमारी को लेकर चेतावनी दी जा रही है. साथ ही सार्वजनिक स्थल पर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने का भी दावा किया जा रहा है.
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इस बीच, धर्म की नगरी काशी में धनतेरस के दिन मां अन्नपूर्णा के दरबार में दर्शन और मिलने वाले खजाने (लावा और रिचकारी) को लेने के लिए भक्तों का हुजूम कुछ इस कदर उमड़ पड़ा कि कोरोना दिशा-निर्देशों की धज्जियां उड़ती दिखीं.
मंदिर परिसर में बिना कतार में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लगे लाखों भक्त एक दूसरे के ऊपर चढ़ते हुए नजर आए. उस दौरान सुरक्षाकर्मी भी बेबस ही नजर आए.
दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ और कोविड के दिशा-निर्देशों के उलंघन के बारे में एक श्रद्धालु सविता ने बताया कि वह कोविड गाइडलाइन्स का पालन कर रही है. कतार में सोशल डिस्टेसिंग तक न होने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार को नियम बनाना चाहिए. बातचीत में अंत में उन्होंने कह ही दिया कि जिस देवी अन्नपूर्णा के दर्शन के लिए आए हैं, वहीं रक्षा करेंगी.
वहीं एक अन्य महिला श्रद्धालु वाराणसी के चौकाघाट इलाके से आईं रेनू पांडेय ने बताया कि जान की हिफाजत के साथ दर्शन भी कर रहे हैं.
दिल्ली में रहने वाले चंदौली से आए आशुतोष सिंह ने बताया कि प्रशासन की व्यवस्था से काफी नाखुश हैं. हर साल दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन ऐसी दुर्यव्यवस्था कभी नहीं देखी गई है. कोविड गाइडलाइन्स का पालन न तो पुलिस न ही आने वाले श्रद्धालु ही कर रहे हैं. टोकने पर उल्टा लोग गाली जरूर दे रहे हैं. कतार में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न होने पर कहा कि लोग जबरदस्ती लाइन तोड़कर घुस रहे हैं.
वहीं, अन्नपूर्णा मंदिर के नए महंत शंकरपुरी ने बताया कि भीड़ उमड़ी रही है और लोग प्रसाद लेकर जा रहे है तो निश्चित ही निवारण मिलेगा. कोविड गाइडलाइन्स को पालन ना कराने के सवाल पर कहा कि कोविड नियमों का पालन कराने की पूरी कोशिश की जा रही है. मास्क, सेनेटाइजर और तामपान मापने की मशीन भी है. जिसका प्रयोग हो रहा है और लोग कतार में आकर खजाना लेकर जा रहे हैं.
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