वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के पहले दिन (शनिवार, 14 मई) की कार्रवाई पूरी हुई. पहले दिन के सर्वे में तहखाने के चार कमरों का सर्वे हुआ. जिसके बारे में बार-बार यह बात हिंदू पक्ष की ओर से कही जा रही है कि तहखाने के इन्हीं खबरों में मंदिर के प्रमाण हैं क्योंकि तहख़ानों के बीचों-बीच आदि विशेश्वर का स्थान है, जहां कभी शिवलिंग स्थापित हुआ करता था और मूल विशेश्वर का मंदिर वहीं था.
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हिंदू पक्ष के वकीलों और वादियो ने सर्वेक्षण के बाद चुप्पी साध रखी और आधिकारिक तौर पर कुछ भी बोलने से मना कर रहे हैं क्योंकि प्रशासन ने सर्वे पूरा होने तक और कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट अदालत में सौंपी जाने तक चुप रहने की हिदायत दी है.
हालांकि बाहर निकल कर आए वादी के मुख्य वकील जितेंद्र सिंह बिसेन ने सिर्फ इतना कहा कि उन्हें उम्मीदों से ज्यादा तहखाने में मिला है.
सूत्रों के मुताबिक, हिंदू पक्ष के पास जो तहखाने का कमरा है उसमें मूर्ति मिली है, कमल के चिन्ह मिले, घंटियों की पूरी लरी दिखाई दी है, जबकि मस्जिद कमिटी के पास के तीनों तहख़ानों में भी कई हिन्दू प्रतीक मिले हैं.
इस सर्वेक्षण में शामिल एक वकील ने नाम छापने की शर्त पर बताया कि उन तीन कमरों में सर्प, कलश, घंटियां, स्वस्तिक, संस्कृत के श्लोक और स्वान की मूर्तियां मिली हैं, जो उनके लिए सबसे अहम सबूत हैं. इसके अलावा हिन्दू मंदिरों के खंभे मिले हैं जो सबसे अहम साबित हो सकते हैं.
सर्वे के लिहाज से कल का दिन बेहद अहम है क्योंकि कल मस्जिद में मौजूद एक कमरे को खोला जाएगा, जिसमें बताया जा रहा है कि मलबा भरा है. इसके अलावा मस्जिद के गुंबदों का निरीक्षण और सर्वे सबसे अहम होने जा रहा है.
सर्वे में शामिल सभी पक्षों को लगता है कि कल यानी रविवार को सर्वे पूरा हो जाएगा, अगर कुछ बचा तो सोमवार को भी यह सर्वे होगा.
ज्ञानवापी विवाद: वाराणसी डीएम बोले- ‘पहले दिन लगभग 50% से अधिक सर्वेक्षण का कार्य हुआ’
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