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प्रयागराज में नागों के राजा का एक अनोखा मंदिर है, जहां काल शर्प दोष से मुक्ति मिलती है. हम नाग वासुकी मंदिर की बात कर रहे हैं.
श्रावण मास में शिवालयों की तरह नागवासुकी मंदिर में रुद्राभिषेक, महाभिषेक और काल सर्पदोष की शांति का अनुष्ठान चलता है.
दारागंज इलाके में नागों के राजा नागवासुकी का मंदिर है. इस मंदिर में श्रद्धालु हजारों की संख्या में दर्शन पूजन को आते है. नागवासुकी को नागों का राजा कहा जाता है.
गंगा किनारे बने नागवासुकी मंदिर में काल शर्पदोष और अन्य तरह के अनुष्ठान होते हैं और ऐसी मान्यता है कि लोगों की मनोकामना पूरी होती है.
कहा जाता है कि नाग देवता अभी भी यहां दूध पीने आते हैं और यहां नागपंचमी का भव्य मेला लगता है.
प्रयाग में सात प्रमुख तीर्थो में नागवासुकी मंदिर भी शामिल है. सात तीर्थो में त्रिवेणी यानी संगम, वेणी माधव, सोमेश्वर महादेव, भारद्वाज आश्रम, नागवासुकी, अक्षयवट और शेषनाग का मंदिर है.
नागवासुकी मंदिर प्रयाग के परिक्रमा क्षेत्र में है. यह मंदिर त्रिकोणीय व पंचकोसी परिक्रमा के अंतर्गत आता है.
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