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मेट्रो और बुलेट ट्रेन के बीच की स्पीड वाली रैपिड रेल के कोचेज कैसे होंगे, इस पर से 16 मार्च को पर्दा हट गया.
आरआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह के मुताबिक, अगले साल होली तक साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किलोमीटर के स्ट्रेच पर इस ट्रेन की उड़ान भरने की उम्मीद है.
विनय सिंह के अनुसार, भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 160 किलोमीटर/घंटा की औसत स्पीड से चलने वाली इस रेलगाड़ी में सामान्य यात्रियों के साथ दिव्यांगों के भी सुरक्षित परिवहन की व्यवस्था रहेगी.
बता दें कि रैपिड रेल में हवाई जहाजों की तरह खुलने और बंद होने वाले दरवाजे होंगे और अंदर टू-बाई-टू यानी वायुयान की तरह सीटें होंगी.
सभी रेलवे स्टेशन सौर ऊर्जा पैनल से युक्त होंगे. दिन में सारी रोशनी इसी के जरिए खपेगी जबकि रात के लिए थोड़ी बिजली, बिजली घरों से ली जाएगी.
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