Uttar Pradesh News : राजधानी दिल्ली में मंगलवार को I.N.D.I.A. गठबंधन की बेहद अहम बैठक हुई. इस बैठक में विपक्षी दल 2024 लोकसभा चुनाव लड़ने की रणनीति सामने आई. इस बैठक में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव भी शामिल हुए. दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन की बैठक उत्तर प्रदेश के लिहाज़ से बेहद अहम रही रही. अखिलेश यादव ने इस भरी मीटिंग मे अपने संबोधन में सबसे पहले कांग्रेस और बसपा के बीच चल रही बातचीत का जिक्र किया.
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मायावती पर दो टूक सवाल
बैठक में अखिलेश यादव ने मायावती को लेकर कांग्रेस से दो टूक सवाल किया तो यूपी को लेकर दो शर्तें भी रख दीं. अखिलेश यादव ने पूछा कि क्या इस गठबंधन के इधर कांग्रेस पार्टी बीएसपी के साथ बातचीत कर रही है? क्या वह बीएसपी को इस गठबंधन में लाना चाहती है सबसे पहले कांग्रेस इस पर अपना रुख स्पष्ट करे? अखिलेश यादव ने तल्ख भाव में यह पूछ लिया था कि अगर कांग्रेस ऐसा चाहती है तो वह साफ कर दे क्योंकि तब समाजवादी पार्टी को भी अपना स्टैंड इस गठबंधन को लेकर साफ करना पड़ेगा.
अखिलेश ने कांग्रेस से पूछे ये सवाल
बैठक में अखिलेश यादव के कांग्रेस नेतृत्व से पूछे गए इस सवाल में तल्खी थी, जिसके जवाब में राहुल गांधी को इस मीटिंग में बसपा को लेकर कांग्रेस का रुख साफ करना पड़ा. कांग्रेस की तरफ से बताया गया कि उत्तर प्रदेश में बीएसपी के साथ गठबंधन का कोई इरादा नहीं है और कांग्रेस पार्टी अखिलेश यादव के नेतृत्व में ही उत्तर प्रदेश के गठबंधन में चुनाव में जाएगी.
बसपा के साथ गठबंधन के पक्ष में कांग्रेस
दरअसल, अखिलेश यादव कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व यानी अजय राय और कई नेताओं के लगातार बसपा के साथ संपर्क में होने और पार्टी को बसपा के साथ जाने की फिर भी करने से खफा थे और इंडिया गठबंधन की इस मीटिंग में बीएसपी को लेकर कांग्रेस का साफ रुख सुनना चाहते थे. बता दें कि इस इंडिया ब्लॉक की दिल्ली में हुई बैठक की एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के बड़े कांग्रेसी नेताओं के साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की मीटिंग हुई थी, जिसमें दो धड़े साफ दिखाई दे रहे थे. अजय राय और कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व बसपा के साथ गठबंधन के पक्ष में था जबकि प्रमोद तिवारी सरीखे वरिष्ठ नेता हर हाल में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन की वकालत कर रहे थे.
कांग्रेस ने साफ किया अपना रुख
पिछले कुछ समय से अखिलेश यादव को यह बात लगातार कचोट रही थी कि आखिर कांग्रेस इस गठबंधन में रहते हुए दो नाव की सवारी क्यों करना चाहती है. जबकि मायावती लगातार कांग्रेस पार्टी और गठबंधन से सार्वजनिक तौर पर अपनी दूरी बना रही हैं. बहरहाल, अखिलेश यादव का तल्ख रुख देखकर कांग्रेस पार्टी ने अखिलेश यादव को और नाराज न करने में ही अपनी बेहतरी समझी और साफ कर दिया की इंडिया गठबंधन में उसका मायावती को लाने का कोई इरादा नहीं है और हर हाल में वह अखिलेश यादव के साथ ही 2024 के चुनाव में जाएगी.
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