Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनावों में अप्रत्याशित सफलता हासिल होने के बाद समाजवादी पार्टी के नेताओं का आत्मविश्वास आसमान पर है. यूपी में सपा 37 सीटें आने के पीछे अखिलेश यादव की पीडीए पॉलिटिक्स को अहम कारण माना जा रहा है. समाजवादी पार्टी ने यूपी के जिलों में पीडीए पंचायत लगने का फैसला लिया है. लोकसभा चुनाव में भी सपा ने पीडीए फैक्टर इस्तेमाल किया था, जिसमें सपा सफल भी हुई थी. इसी सफलता को देखते हुए यूपी के आगामी चुनाव में भी सपा पीडीए फैक्टर इस्तेमाल करने जा रही है.
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यूपी में सपा लगाएगी पीडीए पंचायत
पिछड़ा,दलित,अल्पसंख्यक से पीडीए बना. आपको बता दें कि पिछड़ा,दलित,अल्पसंख्यक वोटबैंक को साधने और इस वोट बैंक को ओर मज़बूत करने के लिए सपा ने हर जिले में पीडीए पंचायत लगाने का फैसला लिया है. पीडीए पंचायत के जरिए इनमें आने वाली जातियों को समाजवादी पार्टी एकजुट करेगी और इनके अधिकारों के लिए इन्हें जागरूक करेगी. पीडीए फैक्टर के साथ ही समाजवादी पार्टी यूपी में उपचुनाव लड़ेगी और पीडीए पंचायत सपा इसी लिए लगा रही है.
PDA को धार देने में जुटे अखिलेश
लोकसभा चुनाव में सपा प्रमुख अखलेश यादव ने संविधान बचाने का नारा दिया और पीडीए का ऐलान किया और पीडीए फैक्टर के तहत 53 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे. यहां तक कि फैज़ाबाद (अयोध्या) की सामान्य सीट पर भी एक दलित उम्मीदवार उतरा और नतीजा ये निकला कि अयोध्या सीट भी समाजवादी पार्टी ने जीत ली. लोकसभा में 53 सीटों पर सपा ने 5 पर यादव और 4 सीटों पर मुसलमान उम्मीदवार उतारे और इन सीटों पर सभी उम्मीदवार ने जीत भी दर्ज की. इसके साथ 17 दलित और 30 ओबीसी उम्मीदवारों को टिकट दिया था. जिसमे से 20 ओबीसी और 8 दलित प्रत्याशियों ने जीत हासिल की. लोकसभा चुनाव में सपा ने 37 सीटें जीती. इन नतीजों ने ये साफ़ कर दिया कि यूपी में पीडीए फैक्टर सफल रहा है. आने वाले चुनवों में समाजवादी पार्टी इसी फैक्टर पर चलने का प्लान बना चुकी है.
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