उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के बीच वार-पलटवार का दौर जारी है. इसी क्रम में अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर हमला बोला है.
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दरअसल, सीएम योगी ने 12 सितंबर को कुशीनगर में कहा था, ”तुष्टिकरण की राजनीति जब तक देश के अंदर थी, तब तक विकास नहीं था…लेकिन आज सबका साथ, सबका विकास और इसके साथ जुड़ता है सबका विश्वास”
इस पर ओवैसी ने कहा है,
”कैसा तुष्टिकरण? प्रदेश के मुसलमानों की साक्षरता-दर सबसे कम है, मुस्लिम बच्चों का ड्रॉपआउट रेट सबसे ज्यादा है. मुस्लिम इलाकों में स्कूल-कॉलेज नहीं खोले जाते. अल्पसंख्यकों के विकास के लिए केंद्र सरकार से बाबा की सरकार को ₹16207 लाख मिले थे, बाबा ने सिर्फ ₹1602 लाख खर्च किए. 2017-18 में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत मात्र 10 मुसलमानों को घर मिले.”
असदुद्दीन ओवैसी
कुशीनगर में अपने संबोधन के दौरान सीएम योगी ने यह भी कहा था, ”राशन मिल रहा होगा ना आप लोगों को? क्या ये राशन 2017 से पहले भी मिलता था… क्योंकि तब तो अब्बा जान कहने वाले राशन हजम कर जाते थे.”
इसे लेकर ओवैसी ने कहा है, ”अगर काम किए होते तो ‘अब्बा, अब्बा’ चिल्लाना नहीं पड़ता.”
एआईएमआईएम चीफ ने अपने ट्वीट में लिखा है, ”देश के 9 लाख बच्चे गंभीर तौर पर कुपोषित हैं, जिसमें से 4 लाख बच्चे सिर्फ यूपी से हैं.”
इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि ग्रामीण उत्तर प्रदेश में 13944 सब-सेंटर्स की कमी है, 2936 PHC की कमी है, 53% CHC की कमी है, केंद्र सरकार के मुताबिक, ‘बाबा-राज’ में यूपी के PHC में सबसे कम डॉक्टर मौजूद हैं, कुल 2277 डाक्टरों की कमी है.
2017 में श्मशान-कब्रिस्तान, 2022 में ‘अब्बा जान’? BJP की चुनावी शब्दावली के निशाने पर कौन
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