यूपी में साल 2012 से 17 तक अखिलेश यादव की सरकार में सबसे ताकतवर मंत्रियों में से एक रहे आजम खान पर 100 से अधिक मुकदमे हैं. इसमें चकरोड, किसानों की भूमि कब्जा करने से लेकर बकरी चोरी तक के मामले शामिल हैं. 2 साल से सीतापुर जेल में बंद आजम खान की ऐसी ही एक मामले में पेशी हुई है. बकरी चोरी और पशु चोरी के मुकदमे में पेशी के दौरान गवाहों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आजम खान और अन्य मुल्जिमों की शिनाख्त कराई गई है.
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इसी मामले में जमानत पर रिहा हो चुके अन्य आरोपियों की कोर्ट में हाजिरी के समय इसी कानूनी प्रक्रिया को अपनाया गया. सरकारी वकील अरुण प्रकाश सक्सेना के मुताबिक एमपी एमएलए कोर्ट सेक्शन रामपुर के समक्ष दो मामले विचाराधीन थे, जिसमें साक्ष्य के लिए गवाह तलब किए गए थे. दोनों मामले में गवाह पेश हुए. दोनों गवाहों ने अपने मुकदमों में जो FIR लिखाई है, उसका समर्थन करते हुए बयान दिया और मुल्जिमों की शिनाख्त की.
सरकारी वकील के मुताबिक गवाह ने यह भी बताया कि उनके जो मकान तोड़े गए वे मोहम्मद आजम खान के कहने पर तोड़े गए. उस जगह उनका आरपीएस स्कूल बनाया गया है. मकान पर ही बंधे उनके जानवर खोल लिए गए थे, जिमें से बाद में पुलिस ने रिकवरी करके कुछ जानवर बरामद भी किए थे.
गवाह ने यह भी बताया कि मकान तोड़े जाने की घटना से दो दिन पहले आजम खान मौके पर आए थे. उन्होंने कहा था कि यह जमीन उन्हें खाली चाहिए. गवाह के मुताबिक लोग बुल्डोजर लेकर आए और मकान तोड़े गए.
आजम के मीडिया प्रभारी बोले, ‘क्या यह मान लें कि अखिलेश नहीं चाहते कि वह जेल से बाहर आएं?’
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