सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यूपी उपचुनाव के लिए गुरुवार को कानपुर की सीसामऊ सीट के लिए भी प्रत्याशी का ऐलान कर दिया. पार्टी ने कानपुर की महत्वपूर्ण सीसामऊ विधानसभा सीट से सुरेश अवस्थी को उम्मीदवार बनाया है. वहीं बात करें तो सपा ने इस सीट से इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को मैदान में उतारा है. वहीं बसपा ने विरेंद्र शुक्ला को मैदान में उतारा है. आपको बता दें कि भाजपा ने 9 में से 8 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. जबकि एक सीट (मीरापुर) भाजपा ने अपने सहयोगी पार्टी रालोद को दी है.
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भाजपा ने किसे बनाया उम्मीदवार
भाजपा ने कुंदरकी की से रामवीर सिंह ठाकुर, गाजियाबाद से संजीव शर्मा, खैर से सुरेंद्र दिलेर, करहल से अनुजेश यादव, फूलपुर से दीपक पटेल, कटेहरी से धर्मराज निषाद और मझवां से सुचिस्मिता मौर्य सीसामऊ से सुरेश अवस्थी को अपना उम्मीदवार बनाया है.
क्यों खाली हुई सीसामऊ सीट?
दरअसल, 8 नवंबर 2022 को जाजमऊ थाने में एक महिला ने इरफान सोलंकी पर घर पर कब्जा करने की मंशा से आगजनी करने का मामला दर्ज कराया था. इसके बाद एमपी एमएलए कोर्ट ने 7 जून 2024 को इस मामले में सोलंकी को दोषी करार देते हुए उन्हें सात साल की सजा सुना दी, जिससे वो डिस्क्वलिफाई हो गए और उनकी विधायकी चली गई.
इस सीट का क्या है जातीय समीकरण?
बता दें कि यहां कुल लगभग 2 लाख 70 हजार वोटर हैं. इनमें मुस्लिम करीब 1 लाख हैं और ब्राह्मण और अनुसूचित जाति के लगभग 60-60 हजार वोटर हैं. इस सीट पर मुस्लिम, ब्राह्मण और दलित वोटर मुख्य भूमिका निभाते हैं. सपा ने मुस्लिम कैंडिडेट नसीम सोलंकी को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, बसपा ने वीरेंद्र शुक्ला को और अब देखना होगा कि भाजपा क्या दाव चलती है. हालांकि, इस सीट पर चुनाव भाजपा के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि 28 सालों से इस सीट पर कमल नहीं खिला है. बीते तीन बार से सपा यहां से जीत हासिल करती आ रही है. बता दें कि 9 सीटों पर उपचुनाव के लिए 13 नवम्बर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को नतीजे सामने आएंगे. देखना होगा कि भाजपा वापसी कर पाती है या नहीं?
इस सीट का कैसा है सियासी इतिहास?
पिछले विधानसभा चुनाव 2022 में इस सीट से सपा प्रत्याशी इरफान सोलंकी ने जीत हासिल की थी. इरफान सोलंकी ने 69,163 वोट हासिल किए थे और भाजपा प्रत्याशी सलिल विश्नोई को 66,897 वोट मिले थे. वहीं, कांग्रेस के प्रत्याशी सुहेल अहमद 5,616 वोटों पर सिमट गए थे. साल 2017 और 2012 में भी इस सीट से सपा प्रत्याशी इरफान सोलंकी जीते ही थे. वहीं, साल 2007 और 2002 में कांग्रेस प्रत्याशी संजीव दरियाबादी जीते थे. इससे पहले 1996, 1993,1991 में लगातार बीजेपी के प्रत्याशी राकेश सोनकर यहां से जीते थे. मालूम हो कि 1985 में संजीव दरियाबादी की मां कमला भी यहां से चुनाव जीत चुकी हैं. मतलब तीन बार इस सीट पर कांग्रेस, तीन बार बीजेपी और तीन बार सपा जीत हासिल कर चुकी है.
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