उत्तर प्रदेश में मिशन 2022 के लिए सियासी सरगर्मी शुरू हो गई हैं. इसके लिए बीजेपी के मोर्चों को अहम जिम्मेदारी मिलने वाली है. पार्टी ने ‘कपल मैराथन’ और ‘कमल क्लब’ जैसे अभिनव प्रयोग करने की भी रणनीति बनाई है. जानकारी के अनुसार, शहरों में कपल मैराथन आयोजित करके महिलाओं के साथ उनके पति को भी आमंत्रित किया जाएगा. साथ ही, किटी पार्टी जैसे महिलाओं की सहभागिता वाले कार्यक्रम ‘कमल क्लब’ के साथ पार्टी महिलाओं को जोड़ेगी. हालांकि, कमल क्लब की जगह इसका नाम कुछ और भी हो सकता है. ब्लॉक स्तर पर पार्टी महिलाओं का सम्मान समारोह भी आयोजित करेगी.
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चुनाव से पहले बीजेपी ने सक्रिय किए अपने मोर्चे
बीजेपी ने चुनाव से पहले युवा, महिला और किसान जैसे वर्गों को विशेष रूप से जोड़ने के लिए अपने मोर्चों को सक्रिय कर दिया है. महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष और सांसद गीता शाक्य कार्यक्रमों की तैयारी की मॉनिटरिंग कर रही हैं. महिला मोर्चा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और इस समय यूपी बीजेपी की उपाध्यक्ष कमलावती सिंह का कहना है, “केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार में सबसे ज्यादा लाभ महिलाओं को हुआ है. इसलिए महिलाओं का रुझान बीजेपी की तरफ ज्यादा है।”
महिला मोर्चा की दो दिवसीय पदाधिकारी बैठक और कार्यसमिति 5-6 सितंबर को लखनऊ में हो रही है, जिसमें आगामी कार्यक्रमों की फाइनल रूपरेखा तय की जाएगी.
कार्यसमिति के समापन स्तर को संबोधित करेंगे सीएम योगी
कार्यसमिति की बैठक के लिए महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनति श्रीनिवासन, राष्ट्रीय महामंत्री और सांसद इंदुबाला भी लखनऊ पहुंचेंगी. 6 सितंबर को कार्यसमिति के उद्घाटन सत्र में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उसके बाद के सत्रों में डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा, डिप्टी सीएम केशव मौर्य और संगठन महामंत्री सुनील बंसल रहेंगे, जबकि समापन सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे.
इस बार महिलाओं को जोड़ने के लिए ज्यादा कार्यक्रमों के पीछे पार्टी के रणनीतिकारों की ये सोच भी है कि उज्जवला योजना, सौभाग्य योजना और शौचालय का निर्माण जैसी मोदी सरकार की पहल और ‘मिशन शक्ति’ जैसे योगी सरकार के कार्यक्रमों से सबसे ज्यादा महिलाओं को लाभ हुआ है.
यूपी महिला मोर्चा के प्रभारी विजय बहादुर पाठक का कहना है, “हमारा उद्देश्य है सभी वर्ग और क्षेत्र की महिलाओं को जोड़ना. चाहे वो गांव में काम करने वाली आशाकर्मी हों या शहर में रहने वाली महिलाएं. महिला मोर्चा की कार्यकर्ता उनसे सम्पर्क और संवाद करेंगी.”
पार्टी ने प्रदेश, क्षेत्र, जिले की कार्यकारिणी भी घोषित कर दी है. मंडल पदाधिकारियों की घोषणा की प्रक्रिया चल रही है. पार्टी का लक्ष्य चुनाव से पहले 30,000 से अधिक सक्रिय महिला कार्यकर्ताओं का नेटवर्क तैयार करना है.
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