बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) चीफ मायावती ने कहा है कि केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को देर से रद्द करने की घोषणा की है. मायावती का कहना है कि यह फैसला बहुत पहले ले लिया जाना चाहिए था.
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बीएसपी चीफ ने आगे कहा है, ”इसके लिए सभी किसानों को हार्दिक बधाई. अगर केंद्र सरकार यह फैसला काफी पहले ले लेती तो देश अनेक प्रकार के झगड़ों से बच जाता.”
इसके अलावा उन्होंने कहा है, ”हमारी पार्टी (BSP) की केंद्र सरकार से मांग है कि किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मृत्यु हुई है, केंद्र सरकार उन्हें उचित आर्थिक मदद दे और उनके परिवार में से एक सदस्य को सरकारी नौकरी जरूर दे.”
बता दें कि इन 3 कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग के साथ कई महीनों से किसान आंदोलन जारी था, माना जा रहा था कि उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में इससे बीजेपी को नुकसान हो सकता था.
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को गुरु नानक जयंती के मौके पर कहा, ”मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए सच्चे मन से और पवित्र हृदय से कहना चाहता हूं कि शायद हमारी तपस्या में ही कोई कमी रही होगी, जिसके कारण दिये के प्रकाश जैसा सत्य कुछ किसान भाइयों को हम समझा नहीं पाए हैं.’’
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘आज गुरु नानक देव जी का पवित्र प्रकाश पर्व है. यह समय किसी को भी दोष देने का नहीं है. आज मैं आपको… पूरे देश को… यह बताने आया हूं कि हमने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है. इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को रिपील (निरस्त) करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे.’’
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