SC-ST Reservation Sub Quota : अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति में कोटे में कोटे को मंजूरी के फैसले पर बसपा प्रमुख ने मायावती ने प्रतिक्रिया दी है.रविवार को राजधानी लखनऊ में किए गए प्रेस कॉफ्रेंस में मायावती ने एससी-एसटी आरक्षण के अंदर कोटे के विरोध जताया है. मीडिया से बात करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि, पंजाब राज्य के मामले में 20 साल पहले के फैसले पर सुनवाई सही नहीं. साथ ही साथ एससी एसटी के बीच उपजाति का विभाजन करना सही नहीं फैसला नहीं होगा. बसपा सुप्रीमों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला कहीं न कहीं आरक्षण को खत्म करने के प्लान जैसा है.
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मायावती का दो टूक
बसपा सुप्रिमो मायावती ने रविवार को कहा कि, 'बीजेपी खुद को दलितों का हितेषी बताती है तो बीजेपी को चाहिए कि वह संसद में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को पलटने का काम करें. आज भी अनुसूचित जाति जनजाति में 90 फ़ीसदी लोगों की हालत बहुत खराब है. उन्होंने आगे कहा कि, 'सुप्रीम कोर्ट को अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय की आड़ में राज्य सरकारे एससी-एसटी को मिलने वाले रिजर्वेशन को निष्प्रभावी बना देंगी.' मायावती ने दो टूक लहजे में कहा कि भविष्य में आरक्षण में किसी भी तरह के बदलाव की कोशिशें न हों.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (SC/ST) को मिलने वाले आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बीते हफ्ते बड़ा फैसला सुनाया है. अपान फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी में कोटे के अंदर कोटे को मंजूरी दे दी है. चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात जजों की संविधान पीठ ने 6-1 के बहुमत से ये फैसला सुनाया. वहीं इस फैसले के आने के बाद देश में सियासी माहौल काफी गर्म है.
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