अलीगढ़ में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के नेता डॉ. मेहराज अली ने पार्टी के मुख्य सेक्टर प्रभारी सूरज सिंह और मुनकाद अली पर गंभीर आरोप लगाए हैं. साथ ही उन्होंने बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर भी टिकट के एवज में 35 लाख रुपये लेने का आरोप लगाया है.
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डॉक्टर मेहराज के अनुसार, उनके अभी तक 70 से 80 लाख रुपये खर्च हो चुके, लेकिन टिकट का कहीं अता पता नहीं है. मेहराज का आरोप है कि साल 2019 में उनको शहर विधानसभा से प्रत्याशी घोषित किया गया था लेकिन अब पार्टी के पदाधिकारी उन्हें प्रत्याशी मानने से इंकार कर रहे हैं.
डॉक्टर मेहराज अली ने मायावती पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “टिकट घोषित करने के दौरान बहन मायावती जी द्वारा उनसे टेबल पर 35 लाख लिए गए. उसके बाद मुख्य सेक्टर प्रभारी मुनकाद अली और सूरज सिंह द्वारा धीरे-धीरे कर लगभग 70 से 80 लाख रुपया लिया जा चुका है.”
मेहराज अली का आरोप है कि उनके द्वारा जब शुभकामना संदेश का विज्ञापन अखबार में छपवाया गया तो बहुजन समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष रतनदीप के द्वारा फोन पर उनसे पदनाम ना लिखने और उन्हें टिकट से वंचित करने की बात बताई.
जिला अध्यक्ष और अपनी बातचीत का ऑडियो भी डॉक्टर मेहराज अली ने मीडिया को दिया है. इस रिकॉर्डिंग में मेहराज द्वारा दिए गए पैसों को वापस करने की भी मांग की गई है. डॉ. मेराज अली का कहना है कि अगर किसी अन्य को प्रत्याशी घोषित किया गया है तो उनका पैसा उन्हें वापस किया जाए.
वहीं, बीएसपी के जिला अध्यक्ष रतनदीप सिंह ने मेराज के सभी आरोपों का खंडन किया है.
चुनावी साल 2022 आने वाला है और लगातार पार्टी प्रत्याशियों का चयन कर रही हैं. जब से मैं जिला अध्यक्ष बना हूं तब से मेहराज साहब ने पार्टी में टिकट के लिए कोई आवेदन नहीं किया है. उनका कहना है कि वह टिकट के दावेदार हैं तो मैं स्पष्ट कर देता हूं कि पार्टी में उनके टिकट की कोई दावेदारी नहीं है. माननीय बहन जी टिकट फाइनल करती हैं. अभी किसी का भी टिकट फाइनल नहीं है. अगर वह टिकट मांगेंगे तो उनको मिल सकता है.
रतनदीप सिंह, जिला अध्यक्ष, बीएसपी
पैसे देने के सवाल पर रतनदीप ने कहा, “पिछले साल से मैं जिला अध्यक्ष हूं और सवा साल मुझे जिला अध्यक्ष पद पर हो गया है. मेरे सामने एक रुपये का भी उन्होंने पार्टी का किसी तरह सहयोग नहीं किया है. और अगर वह इस तरह का आरोप लगा रहे हैं तो वह बिल्कुल झूठा है. क्योंकि पिछले साल से पहले कोई प्रत्याशी की घोषणा नहीं हुई थी और अभी एक ही टिकट फाइनल हुआ है. वह भी तिलक राज यादव का है. पुरानी उनकी कोई बात है तो उसका पता नहीं, लेकिन मेरे संज्ञान में ऐसी कोई बात नहीं है. जैसा वह आरोप लगा रहे हैं, वह सब निराधार है.”
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