पहले टिकट, बाद में मंत्री पद और अब संगठन में पदाधिकारी बनने के लिए BJP नेताओं में दौड़ जारी

शिल्पी सेन

• 04:22 AM • 26 Apr 2022

पहले टिकट और उसके बाद मंत्री पद की दौड़ के बाद अब यूपी में बीजेपी के नेताओं की संगठन में पदाधिकारी बनने की दौड़ जारी…

UPTAK
follow google news

पहले टिकट और उसके बाद मंत्री पद की दौड़ के बाद अब यूपी में बीजेपी के नेताओं की संगठन में पदाधिकारी बनने की दौड़ जारी है. योगी सरकार के गठन के बाद अब 2024 से पहले संगठन में समायोजन के लिए जमीन तैयार हो गई है. इसमें वो नाम सबसे आगे दिखाई पड़ रहे हैं, जो योगी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रहे हैं. ये नेता संगठन में उन पदों को पाने की कोशिश में हैं जो पदाधिकारियों के मंत्री बनने से खाली हुए हैं.

यह भी पढ़ें...

यूपी में प्रदेश अध्यक्ष कौन बनेगा इस बात पर सबकी नजर है, लेकिन योगी के पहले कार्यकाल में मंत्री रहे कई चेहरे अपने लिए संगठन में सही जगह भी तलाश रहे हैं. इन नेताओं के समर्थक उनके लिए कहीं भी माहौल बनाते देखे जा सकते हैं. योगी 1.0 के कई मंत्रियों को इस कार्यकाल में अलग-अलग वजह से शामिल नहीं किया गया है. डॉ. दिनेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा, सिद्धार्थ नाथ सिंह, महेंद्र सिंह, सतीश द्विवेदी, सुरेश राणा, अशोक कटारिया, नीलकंठ तिवारी, सुरेश पासी, उपेंद्र तिवारी, स्वाति सिंह, आनंद स्वरूप शुक्ला जैसे कई नाम हैं, जो इस समय खाली बैठे हैं. 2024 से पहले संगठन के लक्ष्य की अहमियत को देखते हुए ये पूर्व मंत्री, अब संगठन में ही समायोजन का इंतजार कर रहे हैं.

दरअसल इन पूर्व मंत्रियों को इसलिए भी संगठन में समायोजन की आस है, क्योंकि ये अलग-अलग जातीय और क्षेत्रीय संतुलन के हिसाब से भी संगठन के पदों पर दावेदारी कर सकते हैं. विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भी, जहां डिप्टी सीएम रहे डॉ. दिनेश शर्मा और ताकतवर मंत्री रहे श्रीकांत शर्मा बाहर हैं, तो प्रदेश अध्यक्ष के लिए इन दोनों के नाम की चर्चा शुरू से ही होती रही है.

वहीं, पश्चिम का प्रमुख चेहरा होने के नाते सुरेश राणा को भी संगठन में अहम जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद है. सतीश द्विवेदी, उपेंद्र तिवारी और आनंद स्वरूप शुक्ला जैसे पूर्व मंत्रियों के ब्राह्मण और युवा होने की वजह से वे समायोजन के लिए उपयुक्त बताए जा रहे हैं, तो स्वाति सिंह को भी कोई जिम्मेदारी मिलने की बात की जा रही है.

यहां ये महत्वपूर्ण है कि बीजेपी ‘एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत‘ को मानती है. इसलिए नई सरकार के गठन के साथ संगठन में कई पद खाली होने हैं. जेपीएस राठौड़ इस समय प्रदेश महामंत्री हैं. उनके मंत्री बन जाने के बाद ये पद खाली होगा. वहीं अरविंद कुमार शर्मा और दयाशंकर सिंह दोनों प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. उन दोनों के भी मंत्री बन जाने के बाद प्रदेश में दो उपाध्यक्ष के पद खाली होने हैं.

प्रदेश संगठन में जगह नहीं मिलने पर आयोग और निगम के अध्यक्ष पद पर भी पूर्व मंत्रियों के समायोजन की गुंजाइश दिख रही है. स्वाति सिंह को टिकट नहीं मिला पर महिला आयोग में अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा हो रही है. इधर बेबी रानी मौर्य भी प्रदेश में मंत्री बन गई हैं. अभी वो राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. ऐसे में खास तौर पर सिद्धार्थ नाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा के राष्ट्रीय टीम में भी जाने को लेकर भी चर्चा है. राष्ट्रीय स्तर पर यूपी से एक दो और चेहरों का समायोजन हो सकता है.

दरअसल, 2024 में पीएम मोदी के रथ को यूपी में आगे ले जाने और यूपी से ज्यादा से ज्यादा सीट पाने के लिए भी प्रदेश को मजबूत टीम की जरूरत है. इन पूर्व मंत्रियों के पक्ष में ये बात भी जाती है कि भले ही ये मंत्री पद से बाहर हो गए हों, पर उनकी सरकार और संगठन को लेकर समझ का लाभ लोकसभा चुनाव में मिल सकता है.

UP: रिपोर्ट का दावा- BSP के वोटों से BJP को मिली दोबारा सत्ता, केशव मौर्य इस वजह से हारे

    follow whatsapp