UP News: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में उठा-पटक का दौर शुरू हो चुका है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक अगर उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 80 में से 75 सीट जीतने का लक्ष्य हासिल कर लेगी तो दूसरे राज्यों के संभावित नुकसान की भरपाई हो जाएगी. ऐसे में सिर्फ भाजपा जीतने की क्षमता रखने वाले उम्मीदवारों पर फोकस कर रही है. इस स्थिति में 2 दर्जन से ज्यादा सांसदों के टिकट बदले जा सकते हैं. भाजपा में इस बात की फिलहाल चर्चा है कि 2024 लोकसभा चुनाव में कई मौजूदा सांसदों का प्रदर्शन और फीडबैक के आधार पर टिकट कटने के आसार हैं. ऐसे में ये सांसद अब अपने क्षेत्र से लेकर दिल्ली दरबार तक हाजिरी लगाते हुए अपनी सीट की कवायद में भी नजर आ रहे हैं. आइए सबसे पहले बात उन सांसदों की करते हैं जिन पर टिकट कटने का संकट नजर आ रहा है.
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75+ उम्र वालों को फिर से नहीं मिलेगा टिकट?
इनमें 75 की उम्र पर कर रहे मौजूदा सांसदों में इलाहाबाद से रीता बहुगुणा जोशी, डुमरियागंज से जगदंबिका पाल, देवरिया से रमापति राम त्रिपाठी, कानपुर से सत्यदेव पचौरी, बरेली से सांसद संतोष गंगवार, चंदौली से महेंद्रनाथ पांडे, और मथुरा सांसद हेमा मालिनी के नाम शामिल है.
इन सांसदों का भी कट सकता है टिकट
वहीं, दूसरी तरफ कुछ नेता अपने प्रदर्शन और रवैया के चलते भी इसमें शामिल हैं, जिनमें बदायूं से संगमित्रा मौर्य, बलिया से वीरेंद्र सिंह मस्त, फूलपुर से केसरीदेवी पटेल, भदोही से रमेश बिंद, फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति, कुशीनगर से विजय दुबे, अकबरपुर से देवेंद्र सिंह बोले, फिरोजाबाद सांसद चंद्रसेन जादौन, मेरठ सांसद राजेंद्र अग्रवाल के अलावा पीलीभीत और सुल्तानपुर से वरुण गांधी और मेनका गांधी भी इस चर्चा में शामिल हैं. माना जा रहा है की बीजेपी के आंतरिक सर्वे के आधार और कार्यकर्ता के फीडबैक के आधार पर ये फैसला लिया जाएगा.
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