राष्ट्रध्वज भाजपाइयों के लिए बेचने का सामान है, यह शर्मनाक और निंदनीय है: अखिलेश यादव

यूपी तक

• 03:07 PM • 13 Aug 2022

समाजवादी पार्टी (एसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने तिरंगे को लेकर बीजेपी और आरएसएस पर जमकर निशाना…

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समाजवादी पार्टी (एसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने तिरंगे को लेकर बीजेपी और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा है.

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उन्होंने कहा है, “भाजपा के मातृ संगठन आरएसएस का आजादी की लड़ाई में और आजादी के बाद भी राष्ट्रध्वज और संविधान को स्वीकार न करना का क्या कहता है? सत्ता के स्वार्थ और जनता के दबाव में राष्ट्रध्वज को आगे रखकर भाजपा-आरएसएस अपने अतीत के काले पृष्ठों को छुपाने का प्रयास करने में लगी है. इसी मानसिकता का असर है कि भाजपा स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव की पवित्रता को भी नष्ट करने पर तुली है.”

एसपी की तरफ से जारी बयान के अनुसार अखिलेश ने कहा, “लगातार इस तरह की रिपोर्ट्स आ रही हैं कि भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा राष्ट्रीयध्वज की बिक्री की जा रही है. यह ध्वज जहां करोड़ों भारतीयों के लिए आन-बान शान का प्रतीक है वहीं भाजपाइयों के लिए यह बेचने का सामान है. प्रयागराज में भाजपा ने अपने कार्यालय में राष्ट्रध्वज क्यों नहीं फहराया? भाजपाई हर बात पर दुकान लगाना बंद करें. राष्ट्रध्वज के गौरव के साथ खिलवाड़ शर्मनाक और निंदनीय है.”

अखिलेश ने कहा कि समाजवादी सरकार में राजधानी लखनऊ में 207 फिट ऊंचा राष्ट्रध्वज ऐतिहासिक जनेश्वर मिश्र पार्क में फहराया गया था. समाजवादी सरकार में ही इस 400 एकड़ में फैले एशिया के सबसे विशाल पार्क का निर्माण हुआ था. जब तक समाजवादी सरकार रही हर रोज शाम प्रोटोकॉल के तहत आकाश में लहराते इस तिरंगे को पुलिस सलामी देती रही. लेकिन सत्ता परिवर्तन होते ही पुलिस द्वारा सलामी देना बंद हो गया है. भाजपा राज में राष्ट्रध्वज को सलामी देने की परम्परा को बंद क्यों किया गया?

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की मांग है कि आजादी के अमृत महोत्सवकाल में जनेश्वर मिश्र पार्क में राष्ट्रध्वज को पुलिस द्वारा सलामी दिए जाने की पुनः शुरूआत होनी चाहिए.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “भाजपा का देशप्रेम कितना सत्य से परे है इसी से साबित है कि भाजपा नेता अमृत महोत्सव के तिरंगा अभियान के दौर में भी कहीं तिरंगे का रंग बदल रहे हैं, कहीं उल्टा पकड़े फोटो खिंचवाते है. चित्रकूट में भाजपा जिलाध्यक्ष महोदय तो पैरों के पास राष्ट्रध्वज रखे नजर आए. लखीमपुर में भाजपा विधायक और इटावा में भाजपा नेता तिरंगे को ढंग से पकड़ना भी नहीं जानते हैं. राष्ट्रध्वज के साथ ऐसा अपमानजनक व्यवहार अक्षम्य है.”

एसपी चीफ ने कहा,

“भाजपाई अमृत महोत्सव को भी आपदा में अवसर की तरह इस्तेमाल करने से बाज नहीं आने वाले हैं. उनको असल राष्ट्रवाद की शिक्षा दी जानी चाहिए. अंग्रेजों की बर्बरता के सामने भी जिन्होंने तिरंगे को झुकने नहीं दिया उस तिरंगे को वे क्या सम्मान देंगे जो भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में अंग्रेजों के हमसफर थे और जिनके नागपुर मुख्यालय पर 52 वर्षों तक राष्ट्रध्वज की जगह भगवाध्वज ही लहराता रहा.”

अखिलेश यादव

उन्होंने कहा, “समाजवादी पार्टी ने गांधी जी के भारत छोड़ों आंदोलन को जनांदोलन बनाया था. जय प्रकाश नारायण, डॉ. राममनोहर लोहिया, अरूणा आसफ अली, ऊषा मेहता के साथियों ने ब्रिटिश साम्राज्य की चूलें हिला दी थी. स्वतंत्रता संघर्ष के बाद स्वतंत्र भारत में भी समाजवादी तिरंगे की शान बढ़ाने में लगे रहे.”

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