Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल में पिछले दिनों हुए शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया. इस हिंसा में चार लोगों की मृत्यु हो गई और दर्जनों पुलिसकर्मी घायल हो गए. दंगाइयों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप शहर में इंटरनेट सेवाओं के साथ-साथ स्कूल और कॉलेज बंद करने का भी आदेश देना पड़ा. इस हिंसा को लेकर विपक्षी दल पुलिस प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं. वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी एक्शन में हैं.
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संभल जाएगा सपा प्रतिनिधिमंडल
अखिलेश यादव के निर्देशा के बाद समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल आज संभल जाकर वहां हुई हिंसा की जानकारी लेगा एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपेगा. हालांकि, जानकारी ये भी सामने आई है कि समाजवादी पार्टी के डेलिगेशन को पुलिस की इजाजत नहीं मिली है और समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने अपना आज (मंगलवार) का संभल दौरा स्थगित कर दिया है. वर्तमान में इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है, और पुलिस दंगाइयों की धरपकड़ में जुटी हुई है. इस बीच, संभल हिंसा मामले में दर्ज की गई पुलिस एफआईआर में कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं. एफआईआर में कहा गया है कि यह हमला एक सोची-समझी साजिश के तहत किया गया था. भीड़ ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू की और जान से मारने की नीयत से गोलियां चलाईं.
ये नेता जाएंगे संभल
- माता प्रसाद पांडे, नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा
- लाल बिहारी यादव, नेता प्रतिपक्ष, विधान परिषद
- जावेद अली, राज्यसभा सांसद
- हरिंदर मलिक, लोकसभा सांसद
- रुचि वीरा, लोकसभा सांसद
- जिया उर रहमान बर्क, लोकसभा सांसद
- नीरज मौर्य, लोकसभा सांसद
- नवाब इक़बाल, विधायक
- पिंकी यादव, विधायक
- कमाल अख़्तर, विधायक
- जयवीर यादव, जिलाध्यक्ष मुरादाबाद
- शिवचरण कश्यप, जिलाध्यक्ष बरेली
बता दें कि संभल हिंसा की शुरुआत रविवार सुबह जामा मस्जिद की ढलान पर जमा हुई लगभग 800-900 लोगों की भीड़ ने नारेबाजी और पत्थरबाजी से की थी. इस दौरान पुलिस ने समझाने की कोशिश की, लेकिन भीड़ नहीं मानी. एफआईआर में यह भी दर्ज है कि भीड़ ने सब इंस्पेक्टर की पिस्टल छीनने की भी कोशिश की. स्थिति की नाजुकता को समझते हुए पुलिस को अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा.
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