Milkipur Byelection Latest Update: उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल चुनाव याचिका वापस लेने के याचिकाकर्ता के बयान के बावजूद उपचुनाव अन्य सीटों के साथ कराने पर अनिश्चितता बरकरार है. निर्वाचन आयोग के सूत्रों के मुताबिक, अभी तो सिर्फ याचिकाकर्ता के वकील का मीडिया में बयान आया है, हाईकोर्ट में याचिका वापसी की अर्जी पर सुनवाई होने और आदेश जारी होकर उसकी प्रति आयोग तक पहुंचने में तो वक्त लगेगा ही. लिहाजा तब तक अधिसूचना भी जारी हो जाएगी. ऐसे में फिलहाल मिल्कीपुर में विधानसभा की खाली नौ सीटों के साथ उपचुनाव होने के आसार दिख नहीं रहे हैं.
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मालूम हो कि निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को महाराष्ट्र और झारखंड के साथ वायनाड और नांदेड़ लोकसभा सीट सहित 15 राज्यों की विधानसभा में खाली 48 सीटों पर उपचुनाव कराने का भी ऐलान किया था. लेकिन मिल्कीपुर में चुनाव याचिका लंबित है, इसलिए उपचुनाव की घोषणा नहीं हो सकी.
कब हो सकता है मिल्कीपुर में उपचुनाव
संभव है कि अगले कुछ हफ्तों में बशीरहाट लोकसभा सीट के साथ जम्मू कश्मीर में उमर अब्दुल्ला के इस्तीफे से खाली होने वाली सीट और मिल्कीपुर सहित तब तक खाली होने वाली अन्य सीटों पर उपचुनाव की घोषणा हो जाए. या फिर ये भी संभव है कि अगले साल जनवरी में दिल्ली विधान सभा चुनाव के साथ ये उपचुनाव हों.
मिल्कीपुर में याचिका डालने वाले बाबा गोरखनाथ ने लिया ये फैसला
यूपी Tak संग बातचीत में गोरखनाथ बाबा ने कहा, "हमने उपचुनाव का रास्ता साफ करने के लिए केस वापस लेने का फैसला किया है. 2-3 दिन में उपचुनाव का रास्ता साफ हो जाएगा और आयोग को सूचित कर देंगे." उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि उनकी याचिका की वजह से चुनाव रोक दिया जाएगा. गोरखनाथ बाबा का कहना है कि 2022 में समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने जो सबूत पेश किए थे वो गलत थे और उसी आधार पर याचिका दाखिल की गई थी. उन्होंने आगे कहा, "अब जब कल उपचुनाव की घोषणा नहीं हुई तो मुझे भी आश्चर्य हुआ और मैं तुरंत संगठन से मिलने लखनऊ आया और मुलाकात की. मैं चाहता हूं कि वहां चुनाव हो.'
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