विदेश से पढ़ी महिला नेता को जयंत चौधरी ने सौंपी खास जिम्मेदारी, जानें कौन हैं मनीषा अहलावत

यूपी तक

• 01:18 PM • 21 Aug 2023

Uttar Pradesh News : मिशन 2024 में जुटे राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के चीफ और राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) अपनी पार्टी की स्थिति भी…

विदेश से पढ़ी महिला नेता को जयंत चौधरी ने सौंपी खास जिम्मेदारी, जानें कौन हैं मनीषा अहलावत

विदेश से पढ़ी महिला नेता को जयंत चौधरी ने सौंपी खास जिम्मेदारी, जानें कौन हैं मनीषा अहलावत

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Uttar Pradesh News : मिशन 2024 में जुटे राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के चीफ और राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) अपनी पार्टी की स्थिति भी दुरुस्त कर रहे हैं. इस क्रम में अलग-अलग लोगों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी जा रही है. इस बीच खबर आई है कि जयंत चौधरी ने अपनी पार्टी नेता मनीषा अहलावत को एक खास जिम्मेदारी दी है. जयंत चौधरी ने मनीष अहलावत को पार्टी की महिला प्रकोष्ठ ‘नारी शक्ति संगठन’ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है.

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जानिए कौन हैं मनीषा अहलावत?

RLD ने मनीषा अहलावत को सौंपी गई इस जिम्मेदारी की जानकारी ट्वीट करके दी है. इस ट्वीट में लिखा गया है कि, ‘राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जी द्वारा मनीषा अहलावत जी को “नारी शक्ति संगठन” (महिला प्रकोष्ठ ) का राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किया गया है.’ इस ट्वीट को यहां नीचे देखा जा सकता है.

इस ट्वीट में मनीषा अहलावत का ट्विटर हैंडल भी टैग किया गया है. मनीषा अहलावत के ट्विटर हैंडल पर दी गई जानकारी के मुताबिक वह मेरठ कैंट विधानसभा से 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं. आपको बता दें कि 2022 के चुनाव में जयंत चौधरी और अखिलेश यादव ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था. मनीषा अहलावत इस चुनाव में बीजेपी के अमित अग्रवाल से हार गईं. चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक मनीषा को 43395 वोट मिले थे, जबकि विजेता अमित अग्रवाल को 160921 वोट मिले.

प्रोफाइल पर ही दी गई जानकारी के मुताबिक मनीषा अहलावत ने अमेरिका की जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी से MBA किया है. इसके अलावा वह TedX स्पीकर भी हैं. मनीषा अहलावत खुद को हेल्थ एंड एग्री एंटरप्रेन्योर बताती हैं.

अटकलबाजियों का दौर पर RLD चीफ साफ कर चुके हैं स्टैंड

वैसे तो जयंत चौधरी लगातार विपक्ष के नए INDIA गठबंधन के साथ बने हुए हैं, लेकिन उनको लेकर कयाबाजियों का दौर भी जारी है. इस बीच पिछले दिनों जयंत चौधरी ने बीजेपी में चले जाने के सवाल पर कहा कि ऐसी कयासबाजी वही लोग लगाते हैं, जो उन्हें जानते नहीं. जयंत चौधरी ने साफ कहा था कि वह जिद्दी हैं और एक बार ठान लेते हैं, सो ठान लेते हैं. यानी कि वह विपक्ष के साथ बने हैं.

आपको बता दें कि जयंत चौधरी ने पश्चिमी यूपी में चंद्रशेखर आजाद के साथ मिलकर एक नई सोशल इंजीनियरिंग की कोशिश की है. अगर अखिलेश यादव और कांग्रेस के संग इनका साथ 2024 के चुनावों तक बना रहा, तो यह देखना रोचक होगा कि जयंत चौधरी की नई सोशल इंजीनियरिंग में कितनी धार है.

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