कन्नौज (Kannauj) से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद सुब्रत पाठक (Subrat Pathak) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बीच जुबानी जंग लगातार बनी हुई है. इसी क्रम में भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर बड़ा सियासी हमला बोला है. बीजेपी सांसद ने अखिलेश यादव को लेकर कहा कि जब से मैं कन्नौज का सांसद बना हूं, भाजपा यहां से जीती है, वह मेरे नाम से खीज जाते हैं.
ADVERTISEMENT
भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने अखिलेश यादव को लेकर कहा कि मेरे खिलाफ उनके द्वारा कई फर्जी केस लगवाए गए थे. मेरे खिलाफ कई झूठे केस दर्ज किए गए थे. मेरे यहां 600 से ज्यादा जवान छापा मारने आ गए थे.
मेरा सांसद बनना अखिलेश को नहीं होता बर्दाश्त
कन्नौज से बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि जब से मेरे जैसा साधारण व्यक्ति का कन्नौज से सांसद बनना अखिलेश यादव को बर्दाश्त नहीं होता है. उन्हें पता होना चाहिए कि न मैं उनसे डरता हूं, न दबता हूं, मैं कन्नौज की पैदाइश हूं.
दरअसल अखिलेश यादव ने सांसद सुब्रत पाठक पर हाल ही में बड़ा तंज कसा था. उन्होंने एक सवाल पर भाजपा सांसद को लेकर कहा था कि मुंह में गुटखा भरकर बोलने वाले कन्नौज के विकास की बात नहीं कर सकते. उन्होंने आगे कहा था कि गुटखा और पान खाना छोड़कर वह कन्नौज के विकास पर ध्यान दे. इसके बाद से सुब्रत पाठक और अखिलेश के बीच सियासी बयानबाजी जारी है.
सपा चीफ अखिलेश यादव द्वारा वोदका प्लांट लगाने पर बीजेपी सांसद ने कहा कि अखिलेश जी अगर यहीं चाहते थे तो जब उनकी सरकार थी तब यह करना था ना. उन्होंने साइकिल फैक्ट्री लगाने की बात की थी, लगाई क्या?
चाचा-भतीजा दोनों हैं दोषी
अखिलेश यादव और शिवपाल यादव (Shivpal Singh Yadav) को लेकर भाजपा सांसद ने कहा कि चाचा भतीजे आपस में लड़ रहे थे, लेकिन क्या हम लड़ रहे थे? उन्होंने कहा कि आप तमाशा दिखाओगे तो आंख तो बंद नहीं कर देंगे. देखिए, जितने दोषी अखिलेश हैं उतने दोषी शिवपाल भी हैं. चुनाव आता है तो दोनो एक हो जाते हैं.
डिंपल यादव की क्या पहचान
भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने अखिलेश यादव के कन्नौज से चुनाव लड़ने पर कहा कि उनका स्वागत है. पिछली बार चुनाव कौन लड़ा था कन्नौज से, इस बार मैनपुरी से कौन लड़ा था. अखिलेश लड़े थे. उन्होंने कहा कि डिंपल यादव की पहचान क्या है? क्या आज तक उन्होंने धरना दिया, कन्नौज आकर लोगों से मिली? देखिए, जब सीट महिला हो जाती है तो महिला ही लड़ती है. यहां भी वहीं है. अगर डिंपल नेता होतीं तो कन्नौज आती और यहां के लोगों से मिलती और बैठके करतीं.
क्या सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष मुस्लिम बन सकता है
भाजपा सांसद ने मायावती के ट्वीट को लेकर कहा कि, मुस्लिम यहां पर राजनीतिक मायने से अछूत बना दिए गए हैं. बीजेपी उनके पास जाती नहीं. सपा जाना नही चाहती. उन्हें बस वोट बैंक बना दिया गया है. उन्होंंने सपा से सवाल पूछा कि क्या सपा में कोई राष्ट्रीय अध्यक्ष मुस्लिम बन सकता है. वह नारा इसीलिए लगाएगा क्योंकि कुछ कट्टरपंथी, देश में कट्टरपंथ फैलाना चाहते हैं. इसमें उनके सबसे बड़े बाधक मोदी और योगी हैं. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि मुझें नहीं लगता कि आगे रघुराज शाक्य हारेंगे क्योंकि नेताजी को श्रद्धांजलि के नाम पर सपा को वोट मिला और श्रद्धांजलि एक ही बार मिलेगी.
अखिलेश ने 2024 में कन्नौज से चुनाव लड़ने का दिया संकेत तो BJP ने शुरू किया ‘ऑपरेशन करहल’
ADVERTISEMENT