Khatauli Upchunav: राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के उम्मीदवार मदन भैया ने उत्तर प्रदेश की खतौली विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए बुधवार को यहां अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. मदन भैया इस सीट पर पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव के वास्ते रालोद और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं के साथ पर्चा दाखिल करने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे. मदन भैया को रालोद-सपा गठबंधन के उम्मीदवार घोषित किया गया था. उन्होंने पर्चा दाखिल करने के बाद पत्रकारों से कहा कि वह किसानों, गन्ना बकाया, बेरोजगारी और अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों को लेकर उपचुनाव लड़ेंगे. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि खतौली सीट से विक्रम सैनी की पत्नी एवं पार्टी उम्मीदवार राजकुमारी सैनी गुरुवार को अपना पर्चा दाखिल कर सकती हैं.
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मदन भैया ने आरोप लगाया कि भाजपा बेरोजगारी, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, किसानों की समस्याओं सहित अन्य मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. मदन भैया की उम्मीदवारी की घोषणा रविवार को रालोद के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से की गई थी.
मदन भैया, विभिन्न राजनीतिक दलों से चार बार उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य रहे. 1991-1993 जनता पार्टी से, 1993-1996 समाजवादी पार्टी से, 2002-2007 निर्दलीय और 2007-2012 रालोद से.
उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत में, 1989 में जेल में रहते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खेकड़ा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. वह 1991 में उसी विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा के सदस्य के रूप में चुने गए, उस समय भी वह जेल में थे.
बाद में, मदन भैया 2012 में गाजियाबाद के लोनी से बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार से चुनाव हार गए. वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार नंद किशोर गुर्जर से हार गए.
गौरतलब है कि खतौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को वर्ष 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के मामले में दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द होने के कारण कराया जा रहा है.
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