धुंआधार बैठकें कर रहे बृजभूषण शरण सिंह को BJP टिकट देगी या नहीं? इनकी इनसाइड स्टोरी जानिए

यूपी तक

• 04:48 PM • 19 Mar 2024

बृजभूषण शरण सिंह पर देश की दिग्गज महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न पर आरोप लगाए थे. बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवान धरने पर भी बैठ गए थे.

UPTAK
follow google news

Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही अब चुनाव प्रचार जोर पकड़ रहा है. सभी राजनीतिक पार्टियां जोर लगाकर अपने-अपने उम्मीदवारों को जिताने की कोशिश कर रही हैं. वहीं लोकसभा सीटों के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में सभी की निगाहें भाजपा की लिस्ट पर है.  दरअसल यूपी में भाजपा ने अभी तक कई सीटों पर अपने प्रत्याशी फाइलन नहीं किए हैं. खास बात ये है कि जिन सीटों पर पार्टी ने अभी तक नाम तय नहीं किए हैं, वह कई सियासी दिग्गजों की सीटें हैं. उनमें से एक सीट भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का भी है. 

यह भी पढ़ें...

इस सीट पर सबकी नजर

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने फिलहाल 51 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतार दिया है. अब 24 सीटों के लिए किस प्रत्याशी की घोषणा पार्टी के द्वारा किया जाएगा. इस बात को लेकर  चर्चा है कि कैसरगंज लोकसभा सीट जभूषण शरण सिंह को टिकट कट सकता है. हालांकि अभी ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं पार्टी का फैसला अभी नहीं आया है. बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह पर देश की दिग्गज महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न पर आरोप लगाए थे. बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवान धरने पर भी बैठ गए थे. फिलहाल बृजभूषण के खिलाफ कोर्ट में केस चल रहा है और इसको लेकर वह काफी विवादों में भी रहे थे. 

काफी एक्टिव नजर आ रहे बृजभूषण सिंह

वहीं टिकट कटने की लग रही कयासों के बीच बृजभूषण शरण सिंह अपने लोकसभा सीट पर काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं. वह अपने क्षेत्र के नातओं और लोगों के साथ लगातार बैठकें भी कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों की बृजभूषण शरण सिंह सोशल मीडिया हैंडल पर नजर डाले तो उन्होंने लोगों और कार्यकर्ताओं से लगातार बैठकें करने की तस्वीरें शेयर की हैं. 

ऐसा रहा है सियासी सफर

1991 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए 66 वर्षीय बृजभूषण या उनकी पत्नी लगभग तब से उत्तर प्रदेश से सांसद हैं. 1996 में बृजभूषण का टिकट काट दिया गया था. उन पर दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों को कथित रूप से शरण देने का आरोप लगा था. तब उनकी पत्नी केकती देवी सिंह को गोंडा से भाजपा ने मैदान में उतारा और जीत हासिल हासिल की. वहीं 1998 में सिंह को गोंडा से समाजवादी पार्टी के कीर्तिवर्धन सिंह से एक दुर्लभ चुनाव हार का सामना करना पड़ा. 

राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय

बृजभूषण शरण सिंह, वीएचपी प्रमुख अशोक सिंघल के करीबी रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी संघ से नजदीकियां रही हैं. उन्होंने अयोध्या से पढ़ाई की और उसके बाद छात्र राजनीति से करियर की शुरुआत की. उनको राम मंदिर आंदोलन से जुड़ने का मौका मिला. 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद मामले में बृजभूषण समेत कई लोगों पर जनभावनाएं भड़काने का आरोप लगा और उन पर मुकदमा दर्ज हुआ, तब तक बृजभूषण बीजेपी के सांसद के तौर पर चुनाव जीत चुके थे.

दर्ज हैं चार मुकदमें 

बृजभूषण शरण सिंह के अपराधिक इतिहास की बात करें तो साल 2019 में ब्रजभूषण शरण सिंह की तरफ से लोकसभा चुनाव में दिए गए हलफनामे के मुताबिक उन पर 4 मामले दर्ज हैं, लेकिन किसी में भी सजा नहीं सुनाई गई है. इन चार मामलों में एक मामला अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस का था, जिसमें सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने इन्हें बरी कर दिया था.

50 से ज्यादा स्कूल-कॉलेज

बृजभूषण लगभग 50 शैक्षणिक संस्थानों के जरिए अपना दबदबा कायम रखते आए हैं. ये शैक्षणिक संस्थान अयोध्या से लेकर श्रावस्ती तक 100 किलोमीटर के दायरे में फैले हुए हैं. वहीं परिवार की बात करें तो बृजभूषण सिंह के दो बेटा और एक बेटी है.  बड़ा बेटा प्रतीक भूषण सिंह गोंडा सदर से विधायक है और दूसरा बेटा करण भूषण सिंह उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष है.

    follow whatsapp