उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के एक शख्स की लखनऊ में जनसुनवाई में जाने के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में राजनीति तेज हो गई है. घटना के बारे में ट्वीट कर समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मृतक को न्याय और घटना की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है.
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एसपी चीफ ने ट्वीट कर कहा,
“मुख्यमंत्री आवास में अपनी फरियाद लेकर आए एक व्यक्ति का, सुरक्षा कर्मियों द्वारा रोके जाने पर, दीवार फांदने की कोशिश में गिरकर मर जाने का समाचार दुखद है. इस मामले में निष्पक्ष जांच करके फरियादी की मृत्यु की जिम्मेदारी सुनिश्चित करते हुए मृतक को पूर्ण न्याय मिलना चाहिए.”
अखिलेश यादव
क्या है मामला?
आपको बता दें कि यह मामला बानपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत उदयपुरा गांव का है. मृतक के परिजनों के अनुसार, बानपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत उदयपुरा ग्राम निवासी 32 वर्षीय राजकुमार पाल का गांव के ही प्रधान रामरतन यादव द्वारा कथित तौर पर उसकी जमीन पर जबरन कब्जा किए जाने को लेकर विवाद हो गया था. आरोप है कि इसके बाद ग्राम प्रधान ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर राजकुमार पाल और उसके परिजनों के साथ घर में घुसकर मारपीट की घटना को अंजाम दिया.
इसकी शिकायत राजकुमार और उसके परिजनों ने बानपुर थाना पुलिस से की. आरोप है कि बानपुर थाना पुलिस ने उल्टे राजकुमार और उसके परिजनों को ही धारा-151 में बंद कर दिया. इससे आहत होकर राजकुमार पाल ने न्याय पाने के लिए जिले के आलाधिकारियों के चक्कर लगाए, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.
खबर है कि न्याय नहीं मिलता देख राजकुमार पाल लखनऊ मुख्यमंत्री के जनसुनवाई में शिकायत करने की बात कहकर घर से निकला था. शनिवार को राजकुमार की मुलाकात मुख्यमंत्री से नहीं हो पाई. फिर वह सोमवार को मुख्यमंत्री के जनसुनवाई में गया, लेकिन वहां उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई.
राजकुमार की मौत की खबर सुनकर उसके परिवार में कोहराम मच गया. लखनऊ में मृतक राजकुमार के शव का पोस्टमॉर्टम होने के बाद ललितपुर उसका शव पहुंचा, जहां परिजनों ने शव का तब तक अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया, जब तक उसको न्याय नहीं मिलता. परिजनों ने आरोपी ग्राम प्रधान, उसके साथियों और बानपुर थाना पुलिस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए आर्थिक मदद किए जाने की मांग की.
इसके बाद, मौके पर सीओ सदर भारी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. यहां सीओ ने मृतक के परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन देते हुए शव का अंतिम संस्कार किए जाने के लिए राजी किया.
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