उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती का मामला शांत होता नहीं दिख रहा है. इस बीच, लखनऊ में शनिवार, 4 दिसंबर को कैंडल मार्च निकाल रहे मामले से जुड़े अभ्यर्थियों पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है.
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समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को ट्वीट कर कहा,
“बीजेपी के राज में भावी शिक्षकों पर लाठीचार्ज करके ‘विश्व गुरु’ बनने का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है. हम 69000 शिक्षक भर्ती की मांगों के साथ हैं. युवा कहे आज का-नहीं चाहिए भाजपा.”
अखिलेश यादव, एसपी चीफ
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है, “रोजगार मांगने वालों को यूपी सरकार ने लाठियां दीं. जब बीजेपी वोट मांगने आए तो याद रखना.”
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने कहा है,
“यूपी में 69 हजार शिक्षक भर्ती के पुराने और लंबित मामले को लेकर राजधानी लखनऊ में कल रात शांतिपूर्ण कैंडल मार्च निकालने वाले सैकड़ों युवाओं का पुलिस लाठीचार्ज करके घायल करना अति-दुखद और निंदनीय है. सरकार इनकी जायज मांगों पर तुरंत सहानुभूतिपूर्वक विचार करे, बीएसपी की यह मांग.”
मायावती, बीएसपी चीफ
उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “पहले घोटाले और भ्रष्टाचार करके युवाओं के सपनों को रौंद दिया गया. अब उनके प्रदर्शन के अधिकार को रौंदा जा रहा है. बुल्डोजरनाथ का बुल्डोजर सिर्फ निर्दोष जनता पर ही चल सकता है.”
इसके अलावा उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने कहा, “आपके पास लाठीचार्ज का आदेश है, लाठी खा रहे युवाओं के पास जनादेश है.”
वहीं, बीएसपी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी.
बीएसपी महासचिव ने कहा,
“साहब बात तो नौकरी की हुई थी, लाठियां क्यों मार रहे हो. देश के भविष्य इन बच्चों को बूट वाले जूते से मारा जा रहा है, अत्यंत शर्मनाक और निंदनीय है.”
सतीश चंद्र मिश्रा, बीएसपी महासचिव
इस मामले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू सीएम योगी पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा, “पिछड़ों-दलितों की संतानों पर लखनऊ में पुलिस की यह लाठियां क्रूर बीजेपी सरकार और घमंडी मुख्यमंत्री के सत्ता में आखिरी कील साबित होगी. 69000 शिक्षक भर्ती में OBC, SC/ST अभ्यर्थियों की हकमारी उत्तर प्रदेश नहीं भूलेगा.”
इसके अलावा, बीजेपी सांसद वरुण गांधी की भी इस मामले पर प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा है, “ये बच्चे भी मां भारती के लाल हैं, इनकी बात मानना तो दूर, कोई सुनने को तैयार नहीं है. इस पर भी इनके ऊपर ये बर्बर लाठीचार्ज. अपने दिल पर हाथ रखकर सोचिए क्या ये आपके बच्चे होते तो इनके साथ यही व्यवहार होता? आपके पास रिक्तियां भी हैं और योग्य अभ्यर्थी भी, तो भर्तियां क्यों नहीं?”
क्या है मामला?
दरअसल, शनिवार को लखनऊ में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में अपनी मांगों को लेकर कैंडल मार्च निकाल रहे अभ्यर्थी जैसे ही 1090 चौराहे से मुख्यमंत्री आवास की तरफ बढ़े तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिसके बाद दोनों पक्षों में झड़प हो गई. खबर है कि बात न मानने पर पुलिस ने अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज कर दिया.
बता दें कि कैंडल मार्च निकालने से पहले शनिवार सुबह अभ्यर्थियों ने बीजेपी कार्यालय के बाहर ‘भीख मांगकर’ विरोध-प्रदर्शन किया था. गौरतलब है कि इस मामले में अभ्यर्थी पिछले पांच महीनों से अपनी मांगों को लेकर एससीईआरटी कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
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