मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव (Mainpuri By Election) को लेकर सियासी दलों ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है. मैनपुरी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का गढ़ माना जाता है और इस गढ़ को बचाने के लिए सपा अपनी पूरी ताकत लगा रही है. उपचुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) का साथ भी मिल गया है. इसी के मद्देनजर आज यानी रविवार को इटावा के सैफई में सपा चीफ अखिलेश यादव, सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव ने एक साथ मंच साझा किया. इस दौरान अखिलेश ने अपने दोनों चाचाओं के पैर छुए और कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया.
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कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा,
“मैं सबसे पहले समाजवादी पार्टी के विधायक आदरणीय शिवपाल सिंह यादव जी का आभार प्रकट करना चाहता हूं. जिन्होंने यहां पर जिम्मेदार कार्यकर्ताओं और नेताओं को बुलाकर के इस मैनपुरी उपचुनाव में अपील करने का काम किया है.”
अखिलेश यादव
अखिलेश ने कहा, “कई बार लोग कहते हैं कि बहुत दूरियां हैं, मैं आप सब को बता दूं चाचा और भतीजे में दूरियां नहीं थीं, राजनीति में दूरियां थीं. मुझे आज खुशी है कि राजनीति की भी आज दूरियां खत्म हो गईं. अब घबराहट तो बीजेपी को हो रही होगी और इसलिए भी हो रही होगी कि वो जानते हैं कि जसवंतनगर ने अगर मन बना लिया और करहल साथ चल दिया, मैनपुरी ठीक हो गई, किशनी के लोग मन बनाए बैठे हैं और भोगांव भी जीतने जा रहे हैं तो सोचो परिणाम क्या होगा इस बार.”
अखिलेश ने कहा,
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“ये चुनाव विशेष परिस्थितियों में होने जा रहा है. हमें आपको किसी को नहीं पता था कि हमारे सामने ऐसा चुनाव आ जाएगा और नेता जी हमारे बीच में नहीं रहेंगे.”
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“ये ऐसा पहला चुनाव है जब नेताजी हमारे बीच में नहीं हैं. नेताजी ने मैनपुरी को बनाया और मैनपुरी की जनता ने नेताजी को बनाया.”
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“परिवार दूर हो तो बीजेपी वाले परिवार में झगड़ा बताते हैं, परिवार एक हो जाए तो परिवारवादी पार्टी बताते हैं.”
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“ये जितना भी विकास दिख रहा है, वो सब नेताजी का है.”
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“हमारा आपका कोई अस्तित्व न रहता है, अगर नेताजी हमें आगे न बढ़ाते.”
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