उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में मिली हार के बाद रविवार को लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने समीक्षा बैठक बुलाई. इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा, चुनाव जीतने वाले इकलौते विधायक उमाशंकर सिंह और चुनाव हारे सभी 402 प्रत्याशी शामिल रहे.
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बैठक में कई कड़े फैसले लेने के साथ-साथ मायावती ने अपनी हार का ठीकरा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और समाजवादी पार्टी (एसपी) पर फोड़ा. मायावती ने आरोप लगाते हुए कहा कि आरएसएस ने चुनाव के दौरान ये प्रचार करवाया कि बीएसपी की सरकार नहीं बनने पर वे ‘बहनजी’ को राष्ट्रपति बनवा देंगे. मायावती के अनुसार, वह राष्ट्रपति बनने की बात सपने में भी नहीं सोच सकती हैं.
बीएसपी की ओर से जारी प्रेस नोट के अनुसार बीएसपी चीफ ने कहा,
“बीजेपी ने इस चुनाव में एक सोची समझी रणनीति और साजिश के तहत अपने आरएसएस (RSS) संगठन के जरिए हमारे लोगों में यह काफी गलत प्रचार करवाया कि यूपी में बीएसपी की सरकार नहीं बनने पर हम आपकी बहनजी को देश का राष्ट्रपति बनवा देंगे. इसीलिए आपको बीजेपी को सत्ता में आने देना चाहिए, जबकि मेरे लिए देश का राष्ट्रपति बनना तो बहुत दूर की बात है, बल्कि इस बारे में मैं सपने तक में भी ऐसा कुछ सोच भी नहीं सकती हूं. हालांकि, इनको यह भी मालूम है कि बहुत पहले ही मान्यवर श्री कांशीराम जी ने इनका यह प्रस्ताव ठुकरा दिया था और मैं तो उनके पदचिन्हों पर चलने वाली उनकी मजबूत शिष्या हूं.”
मायावती
मायावती बोलीं- ‘एसपी बीजेपी को सत्ता में आने से नहीं रोक सकती’
एसपी पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा, “मुस्लिम समाज का एकतरफा वोट लेकर और दर्जन भर संगठनों/पार्टियों से गठबंधन करके चुनाव लड़ने के बावजूद भी एसपी सत्ता में आने से काफी दूर रह गई है. ऐसे में अब एसपी कभी भी आगे यहां सत्ता में वापिस नहीं आ सकती है. ना ही यह पार्टी बीजेपी को सत्ता में आने से रोक सकती है.”
उन्होंने आगे कहा, “हालांकि अब हमेशा की तरह मुस्लिम समाज के लोग एसपी को वोट देकर काफी ज्यादा पछता रहे हैं. इनकी इसी कमजोरी का एसपी यहां यूपी में बार-बार फायदा भी उठा रही है जिसे रोकने के लिए अब हमें इन भटके और दिशाहीन हुए लोगों से कतई भी मुंह नहीं मोड़ना है बल्कि इनको एसपी के शिकंजे से बाहर निकाल कर अपनी पार्टी में पुनः वापिस लाने का भी पूरा पूरा प्रयास करना है. अन्य सभी हिंदू समाज को भी अब फिर से बीएसपी में सन 2007 की तरह ही कैडर के जरिए जोड़ना है.”
बीएसपी चीफ ने कहा, “दलितों में भी मेरी जाति को छोड़कर जो अन्य दलित समाज की जातियों के लोग हैं, उन्हें भी इन पार्टियों के हिंदुत्व से बाहर निकाल कर बीएसपी में ही जोड़ना है.”
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